PATNA, 17 FEB (Lalu-Tejaswi in panic after Delhi election results, may befriend Nitish to stop BJP) : दिल्ली में केजरीवाल के खेल बिगड़ने से क्या लालू भी हैं भयभीत। क्या लालू ने मान लिया है कि बिहार में नीतीश को हटाना मुश्किल है।आखिर लालू के बयान के क्या है मायने । क्या लालू यह समझ चुके है कि बीजेपी कभी भी नीतीश को सत्ता से बे दखल कर सकती है ।इसलिए बीजेपी की सत्ता से बेहतर है कि नीतीश ही बिहार का मुख्यमंत्री बने रहें। दरअसल राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद के एक बयान ने बिहार में सियासी पारा को काफी गरम कर दिया है लालू से जब पत्रकारों ने पूछा की बीजेपी दावा कर रही है कि दिल्ली की तरह बिहार में भी उसकी सरकार बनेगी पत्रकारों के इस सवाल पर लालू ने जवाब दिया कि मेरे रहते बिहार में बीजेपी की सरकार कैसे बना लेगी । हालांकि लालू ने दावा किया कि 2025 के चुनाव में वो बीजेपी को हराएंगे।
दरअसल 6 फरवरी को राजद के कार्यक्रम में जब लालू ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया तो उन्हें शायद इस बात का अहसास नहीं था कि विपक्षी गठबंधन के एक घटक दल को कांग्रेस ने ही दिल्ली में मुख्यमंत्री बनने से रोक दिया ।और इसका लाभ बीजेपी उठा ले गई और तीन बार चुनाव जीत चुके अरविंद केजरीवाल अपनी सरकार कौन कहे अपनी सीट भी नहीं बचा पाए ।

लालू का यह बयान तब आया है जब दिल्ली विधान सभा चुनाव परिणाम के बाद पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजधानी पटना में आयोजित विकास मित्रों के कार्यक्रम में मंच से लालू शासन की आलोचना की थी और बीजेपी का साथ नहीं छोड़ने का ऐलान भी किया ।दूसरी ओर मीडिया में ये खबरें भी आई कि बीजेपी ने नीतीश के नेतृत्व में चुनाव लड़ने की हरी झंडी दे दी है।ऐसे में दिल्ली चुनाव परिणाम से विपक्षी कार्यकर्ता खासकर राजद कार्यकर्ताओं के मनोबल को बनाए रखने के लिए लालू ने इस तरह का बयान दिया है।
दूसरी ओर शायद लालू यह मान चुके है कि अगर नीतीश और बीजेपी साथ रहेंगे तो शाम दाम दंड भेद में वह कमजोर पड़ेंगे और फिर तेजस्वी का मुख्यमंत्री बनना असंभव नहीं तो मुश्किल जरूर है ।दूसरी ओर लालू ने कही नीतीश को यह इशारा तो नहीं किया कि अगर बीजेपी उन्हें हटाना भी चाहेगी तो हम उन्का सा्थ देने के लिए हर समय खड़े हैं।क्योंकि लालू जानते है कि अगर एक बार बिहार में बीजेपी सत्ता में आ गई तो उसे बेदखल करना मुश्किल है ।ऐसे में बीजेपी से बेहतर है कि नीतीश ही सीएम रहें । इसीलिए लालू ने एक तीर से दो निशाना साधा है ।

हालांकि लालू के बयान पर जहां गठबंधन के अन्य घटक दलों के नेता मौन है वहीं बीजेपी ने कहा है कि अब बिहार को लालू की जरूरत नहीं है । उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिंहा ने लालू के बयान पर पलट बार करते हुए कहा की अब बिहार को लालू की जरूरत नहीं है वह जहां चाहे जा सकते है ।
लेकिन दिल्ली चुनाव परिणाम के बाद लालू को बीजेपी के साथ साथ कांग्रेस का भी डर सता रहा है।2020 के चुनाव में 70 विधान सभा सीट पर अपना उम्मीदवार खड़ा करने वाली कांग्रेस को केवल 19 सीटें आई थी और तेजस्वी ने आरोप भी लगाया था कि कांग्रेस के कारण वह मुख्यमंत्री बनने से चूक गए।
ऐसे में इस बार राजद ने कांग्रेस को कम सीट देने का मन बनाया था लेकिन दिल्ली चुनाव परिणाम ने राजद नेताओं के चेहरे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं ।उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि आखिर वे करें तो क्या करें।एक तरफ बीजेपी जैसा पहाड़ तो पीछे कांग्रेस जैसी खाई ।शायद यही वजह की लालू ने इशारों मे फिर से नीतीश के हो समर्थन की बात दोहराई है।खैर जो हो कांग्रेस का भूत अभी विपक्षी नेताओं के सिर चढ़कर तो जरूर बोल रहा है।
लेखक : अशोक मिश्र, वरिष्ठ पत्रकार, पटना
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