प्यार में प्रेमी बना ठग, प्रेमिका के साथ मिलकर लोगों को फंसाता था

PATNA: आज के दौर में लोग प्यार कम खर्चे ज्यादा करते हैं. ऐसे में जब हफ्ता वेलेंटाइन का हो तो खर्च और भी बंढ जाता है. इस खर्च की पूर्ति करने के लिए कई बार प्रेमी ठग तक बन जाते है. ऐसा ही एक मामला बिहार के समस्तीपुर जिले से आ रहा है जहां एक युवक ने अपनी प्रेमिका के साथ मिलकर हिमाचल प्रदेश के हरौली थाना क्षेत्र निवासी नरेश कुमार सिंह से एक कंपनी का डिस्ट्रीब्यूटर बनाने का झांसा देकर 25.15 लाख रुपये ठग लिया.

दरअसल हिमाचल में 25 लाख रुपये से ज्यादा की ठगी करनेवाले साइबर फ्रॉड को उसकी कथित प्रेमिका के साथ समस्तीपुर पुलिस ने गिर’फ्तार किया है. गिर’फ्तार साइबर फ्रॉड राजू कुमार सिंह नालंदा जिले के खतरीसराय थाने के ब्रंडी गांव के विनोद सिंह का पुत्र है. उसने अपनी कथित प्रेमिका के साथ मिलकर हिमाचल प्रदेश के हरौली थाना क्षेत्र निवासी नरेश कुमार सिंह से एक कंपनी का डिस्ट्रीब्यूटर बनाने का झांसा देकर 25.15 लाख रुपये ठग लिया था. सदर डीएसपी प्रितिश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर शुक्रवार को मामले का खुलासा किया.

डीएसपी ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के नरेश कुमार सिंह ने घटना की शिकायत स्थानीय थाने में दर्ज करायी थी. इसके बाद हिमाचल प्रदेश की चार सदस्यीय पुलिस टीम समस्तीपुर पहुंची. समस्तीपुर पुलिस की मदद से हिमाचल प्रदेश की टीम ने उसे गिर’फ्तार कर लिया. दोनों अभियुक्तों को न्यायालय में प्रस्तुत करने के बाद हिमाचल पुलिस को ट्रांजिट रि’मांड पर सौंपा जायेगा.

तो वहीं हिमाचल पुलिस की टीम लगातार दस दिनों से इस फ्रॉ’ड की खोज में लगी थी. दस दिनों से लगातार आरोपित राजू अपना ठिकाना बदल रहा था. पुलिस की टीम तकनीकी सेल की मदद से सर्विलांस के आधार पर फ्रॉ’ड के पीछे लगी रही. अंतत: मुफस्सिल थाना क्षेत्र के विवेक विहार मोहल्ले से साइबर फ्रॉ’ड को उसकी महिला साथी के साथ पकड़ लिया गया.

फ्रॉड के साथ पकड़ी गयी महिला समस्तीपुर जिले के ही खानपुर थाना क्षेत्र की रहनेवाली है. डीएसपी के अनुसार पकड़ा गया फ्रॉ’ड काफी शातिर है. उसने समस्तीपुर में ही अपना ठिकाना बना रखा था. फर्जी आधार कार्ड एवं मोबाइल सिम के जरिये लोगों को अपना शिकार बनाता था. रुपये का लेनदेन भी कभी अपने बैंक अकाउंट में नहीं किया. रुपये वह अपनी प्रेमिका के खाते में ही मंगवाता था.

उधर राजू के साथ पकड़ी गयी युवती खुद को निर्दोष बता रही है. उसके अनुसार राजू उसका प्रेमी नहीं है. उसकी शादी हो चुकी है. वह पति के साथ नहीं रहती है. वह मोहनपुर में घर लेकर पढ़ाई करती थी. ग्रेजुएशन के बाद नौकरी की तलाश में थी. पांच महीने पूर्व पेपर में नौकरी का विज्ञापन दिया गया था. विज्ञापन में दिये गये नंबर पर संपर्क करने के बाद उसकी राजू से जान-पहचान हुई. राजू ने उसे नौकरी देने का झांसा देकर उसके नाम से बैंक में अकाउंट खुलवाया. उसका एटीएम अपने पास ही रख लिया. अकाउंट पर कितने रुपये आ रहे थे, इसकी उसे जानकारी नहीं थी.

आपको बता दें कि पकड़े गये फ्रॉड के पास से पुलिस ने ठगी में प्रयुक्त पांच मोबाइल सेट, छह सिम एवं सात आधार कार्ड भी बरामद किये हैं. इनमें पांच आधार कार्ड पकड़े गये फ्रॉड के ही अलग-अलग नामों के हैं. दो आधार कार्ड महिला के हैं. सभी आधार कार्ड पर फोटो एक है, लेकिन उसका नाम और पता बदला हुआ है. उसने साहिल, राजू, विवेक कुमार, आसिफ अनवर, रविंद्र कुमार, बबलू कुमार आदि नामों से आधार कार्ड बना रखा है.

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