माँ मेरा दम घु’ट रहा है, PLEASE बचा लो…दिल्ली अग्निकांड में मरने से पहले बोला मधुबनी का युवक

अपनों को आखिरी कॉल कर अलविदा कहा : अनाज मंडी स्थित चार मंजिला इमारत में रविवार को आ’ग और धुएं के बीच घिरे कई बदनसीबों को अपनी मौ’त का अंदाजा हो गया था। इनमें से कुछ ने अपने-अपने घरों पर परिजनों को फोन मिलाए। किसी ने मां से खुद को बचाने की गुहार लगाई तो किसी ने बूढ़े पिता का ढांढस बंधाया और कहा, अब शायद बच नहीं पाएंगे। लेकिन, आप हिम्मत मत हारना।

मां से बोला- मेरा दम घुट रहा है, बचा लो : अनाज मंडी की फैक्टरी में लगी आ’ग में फंसे शाकिर हुसैन ने मां को फोन कर आ’ग में फंसे होने की जानकारी दी थी। उसने बचाने की गुहार भी लगाई। बाद में परिजनों को उसका श’व ही मिला।

शाकिर हुसैन के भाई जाकिर हुसैन ने बताया कि शाकिर ने सुबह मां को फोन किया था। उसने मां से कहा कि मैं आ’ग में फंस गया हूं, दम घुट रहा है और मेरा बचना मुश्किल लग रहा है। मुझे ब’चा लो। फिर उसका फोन बंद हो गया। इसके बाद मां का (मधुबनी के मलमल गांव से) फोन आया। उन्होंने बताया कि शाकिर की बिल्डिंग में आग लग गई है। वह अंदर फंस गया है, उसे जाकर बचाओ। हालांकि, बाद में एलएनजेपी में उसका श’व मिला है।

मोबाइल फोन लेने वापस गया था : शाकिर इमारत की चौथी मंजिल पर स्थित कपड़े की टोपी बनाने वाली फैक्टरी में काम करते थे। दूसरी फैक्टरी में काम करने वाले शाकिर के साथी इरशाद ने बताया कि वह शाकिर और पांच अन्य लड़के रात में टोपी बनाने की फैक्टरी में सोते थे।

आ’ग लगने पर उसका धुआं सारी इमारत में फैलने लगा। आ’ग लगने के बाद जान बचाने के लिए हम सब छत की तरफ भागे। शाकिर भी हमारे साथ ही कमरे से निकल गया था। मगर वह मोबाइल फोन और रुपये कमरे में ही भूल आया था। वह किसी को बिना बताए वापस कमरे में चला गया। उसके बाद वह वापस नहीं लौटा।

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