सरस्वती पूजा पर 19 साल के बाद बन रहा महा संयोग, गणतंत्र दिवस और बसंत पंचमी एक साथ

19 साल बाद सरस्वती पूजा और गणतंत्र दिवस एक दिन मनेगा : इस साल सरस्वती पूजा अर्थात बसंत पंचमी 26 जनवरी को मनाया जाएगा. जानकारों की मानें तो 19 साल के बाद ऐसा संयोग बन रहा है कि एक ही दिन गणतंत्र दिवस और एक ही दिन सरस्वती पूजा का आयोजन किया जाएगा. कहने का तात्पर्य है कि इस साल 2023 है साल पहले 2004 में मां सरस्वती की पूजा 26 जनवरी को मनाई गई थी. अब खबर विस्तार से… छात्रों के लिए जहां एक ओर सरस्वती पूजा का एक अलग महत्व रहता है वहीं 26 जनवरी पूरे देश के लिए ऐतिहासिक अवसर पर मनाया जाता है. सरस्वती पूजा पर जहां जगह-जगह पंडाल बनाकर चौक चौराहों पर मां सरस्वती की पूजा होती है वही 26 जनवरी को चौक चौराहों पर झंडा तोलन किया जाता है. बार छात्रों को कहने के लिए भले 1 दिन की कम छुट्टी मिलेगी लेकिन पूजा पंडाल के बाहर उन्हें झंडा तोलन करने का भी अवसर मिलेगा.

अब आइए हम आपको यह भी बता देते हैं कि सरस्वती पूजा के दिन पूजा करने का शुभ समय क्या रहेगा…26 जनवरी को वसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त प्रात: 07 बजकर 12 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 34 मिनट तक है. इस दिन सरस्वती पूजा के लिए 05 घंटे से अधिक का समय प्राप्त हो रहा है.

देवी सरस्वती को इस मंत्र से करें प्रसन्न 

या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता,
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता,
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥1॥

शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं,
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्।
हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्,
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्॥2॥

माता सरस्वती का बीज मंत्र
ॐ ऐं ऐं ऐं महासरस्वत्यै नम: का जाप करें।

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