बच्चे को जन्म देते ही कोरोना से मां की मौत, मैसेज वायरल होने पर दूध पिलाने के लिए सामने आईं 30 मा
कोरोना काल में तमाम निराशाओं के बीच ये खबर समाज के उस हिस्से की है, जिसने इंसानियत का दामन कसकर थाम रखा है। हालांकि इसमें एक पहलू यह है कि एक नवजात ने अपनी मां को खाे दिया, लेकिन अच्छी बात यह है कि उस 10 दिन की मासूम को दूध पिलाने के लिए शहर में एक घंटे में ही 30 से ज्यादा माएं सामने आई हैं। शाम तक यह संख्या 60 से ज्यादा पहुंच गई थी। ये हकीकत है उस 10 दिन की मासूम की जो अभी चिरायु अस्पताल में भर्ती है। इस दुनिया में आने के 5 दिन बाद ही इस मासूम की मां को कोरोना ने छीन लिया। PHOTO : DEMO
रायसेन रोड स्थित रजनी (परिवर्तित नाम) को साढ़े सात महीने का गर्भ था। इसी बीच पांच अप्रैल को वे कोरोना पॉजिटिव हो गईं। परिजनों ने रजनी को 9 अप्रैल को चिरायु अस्पताल में भर्ती किया गया। 11 अप्रैल को सिजीरियन डिलीवरी हुई और रजनी ने बेटी को जन्म दिया। कोरोना के बीच रजनी के घर में खुशियों की रोशनी आई थी। लेकिन शायद विधाता को कुछ और ही मंजूर था। 15 अप्रैल काे इलाज के दौरान रजनी की मौत हो गई। इधर बच्ची की काेरोना जांच हुई। भगवान का शुक्र था कि रिपोर्ट निगेटिव आई। लेकिन डिलीवरी प्री-मेच्योर होने से बच्ची का इलाज जारी था।
हफ्तेभर से पाउडर वाला दूध पी रही बच्ची के लिए डॉक्टरों ने मां के दूध की जरूरत बताई। अब परिजनों के सामने संकट यह था कि मां का दूध कहां से लाएं? इस बीच उन्होंने इस नन्हीं सी जान का हवाला देते हुए मां के दूध की जरूरत वाला एक मैसेज सोशल मीडिया पर जारी कर दिया। जैसे ही यह वायरल हुआ परिजनों के मोबाइल नंबर पर कॉल आने का सिलसिला शुरू हो गया। लोगों ने मां का दूध पहुंचाने की पेशकश की। मददगारों के उत्साह का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि घंटेभर में ही उनके पास 30 और शाम तक 60 से ज्यादा माताओं ने कॉल करके बच्ची के लिए अपना दूध देने की इच्छा जाहिर की। शहरवासियों की ओर से मिले रिस्पांस को देखते हुए परिजनों को दोपहर में ही दूसरा संदेश जारी करके यह बताना पड़ा कि उन्हें बच्ची के लिए पर्याप्त मात्रा में मां का दूध मिल गया है।
बच्ची के पिता से जिन माताओं ने संपर्क किया है उनको यह बताया गया है कि बच्ची को एक वक्त में 8 से 10 एमएल दूध ही चाहिए। ऐसे में माताएं उतना ही दूध दें, ताकि किसी मां का अनमोल दूध व्यर्थ न जाए। यही नहीं, कुछ माताओं ने नवजात को जब तक जरूरत है, अपने पास रखने की पेशकश भी की है।
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