मधुबनी बेनीपट्टी पत्रकार हत्याकांड, उतरी पहन सड़क पर उतरा अविनाश का भाई त्रिलोक

पत्रकार RTI कार्यकर्ता भाई बुद्धिनाथ उर्फ अविनाश के अपहरण बाद हत्या के खिलाफ न्याय के लिए उतरी पहने त्रिलोक भाई आज सैकड़ों की भीड़ के साथ सड़क पर उतरे…बुद्धिनाथ को न्याय देना होगा

यहां ईमानदार पत्रकार सबको चाहिए….ईमानदारी करने में एक पत्रकार की नृशंस हत्या हो गयी कोई एक आवाज तक नही निकाल पा रहे है। जिस समाज के लिए काम किया वो समाज आज चुप है।रोना बस माँ बाप को ही पर रहा है।

वो समाज के लिए काम कर रहा था समाज आज चुप है।पुलिस अब उस मामले को प्रेम प्रसंग की ओर मोड़ रही है।जिस लड़के को बस ये धुन थी कि बस फर्जी नर्सिंग होम का पर्दाफाश करना है वो भला क्या नर्स से प्रेम करेगा ।वो दर्जनों फर्जी नर्सिंग होम नर्स,कंपाउंडर आदि के संर्पक में था बस इसलिए कि उसे कुछ गुप्त जानकारी मिलती थी और वो काम कर पाता था।

जो जहां से विरोध कर सकते है वहीं से कीजिए नही तो कोई ईमानदारी के साथ पत्रकारिता करने का साहस नही कर पायेगा। मात्र 22 वर्ष उसकी उम्र रही होगी ।किसके लिए मरा है वो आपके लिए।

एक तो बच्चे की हत्या मेडिकल माफिया द्वारा की गई है उपर से जिला के अयोग्य SP द्वारा बच्चे के असली हत्यारे को गिरफ्तार करने की जगह इसी बच्चे का चरित्रहनन किया जा रहा है।

पूरी कहानी यह है
22 साल का एक नौजवान पत्रकार बुद्धिनाथ (अविनाश झा) जो मेडिकल माफिया के खिलाफ लड़ते हुए मार दिया गया, उसकी मौत को डिस्क्रेडिट करने के लिए एक पत्रकार से ही खबर लिखवाई गई की ये हत्या प्रेम प्रसंग का है। न्यूज लिखवाया और हरेक पत्रकार तक पहुंचा दिया गया ताकि पत्रकार जो लिख रहे हैं वो इग्नोर करने लग जाएं

यहां कुछ बातें जो गौर करने वाली है वो ये की बुद्धिनाथ पुलिस सीडीआर के अनुसार करीब 40-45 दिन से ही नर्स पूर्णकला के संपर्क में था। गौर इस बात पर भी किया जाए की दोनो के बीच कॉल ड्यूरेशन मैक्सिम 5-6 मिनट और मिनिमम 7 सेकंड से 60 सेकंड तक है। बुद्धिनाथ और कथित नर्स पूर्णकला के बीच मैक्सिम 25-30 कॉल है। यदि मामला प्रेम प्रसंग का होता तो मैक्सिम कॉल ड्यूरेशन 6 मिनट का ही होता ? और कॉल की संख्या इतनी कम होती ?

DSP के अनुसार हत्यारोपी गिरफ्तार पवन नहीं चाहता था कि बुद्धिनाथ नर्स पूर्णकला से बात भी करे। पुलिस के अनुसार पवन उस नर्स का प्रेमी था। जबकि सत्य ये है की अविनाश सिर्फ पूर्णकला नहीं, बल्कि बेनीपट्टी के तमाम नर्सिंग होम के कंपाउंडर व नर्स से संपर्क में रहता था। जिसकी वजह थी कि उसका चाइल्ड केयर सेंटर चल रहा था, जिसमें वह ब्लड इत्यादि का टेस्ट के लिए सबसे संपर्क में रहता था। उसे गुप्त जानकारी मिलती थी।

प्रेम प्रसंग नहीं था बुद्धिनाथ का, उसकी शादी पिछले साल ही तय हो चुकी थी। उसके मंझले भाई का शादी ठीक तय हो रही थी, इसी कारण उसकी शादी नहीं हुई थी। उधर कथित नर्स पूर्णकला भी शादीशुदा बताई जा रही है।

बुद्धीनाथ (अविनाश) के मामले में पुलिस लीपापोती करने में लगी है, हत्या को प्रेम प्रसंग में रंजिश साबित करने में लगी है। जबकि अबतक घटनास्थल पर फॉरेंसिक टीम तक नहीं ले गई है। शायद पुलिस किसी जल्दबाजी में है।

हमें जगने की जरूरत है। इसे ट्विटर, मीडिया समेत तमाम पटल पर लाना होगा।

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