मिथिला क्षेत्र में बाढ़ का निदान, मधुबनी के जयनगर में कमला नदी पर बनेगा बराज, CM नीतीश का ऐलान

PATNA : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कमला नदी पर जयनगर में बराज बनाने की घोषणा की है। उन्होंने कमला बियर को बराज में परिवर्तित करने का प्रस्ताव देने का निर्देश पदाधिकारियों को दिया है। उन्होंने कहा कि बराज में परिवर्तित होने से सिंचाई क्षमता में भारी वृद्धि होगी। साथ ही उत्तर बिहार और मिथिलांचल के किसानों को फायदा होगा।

मुख्यमंत्री बुधवार मधुबनी जिले के जयनगर तटबंध, कमला बियर प्वाइंट एवं नरुवार तटबंध का निरीक्षण किया। निरीक्षण के क्रम में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कई आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री सड़क मार्ग से निरीक्षण करने वहां पहुंचे थे।

गौरतलब हो कि कमला बियर के बराज में परिवर्तित होने से इस कमांड क्षेत्र में 23 हजार 788 एकड़ में अतिरिक्त सिंचाई क्षमता सृजित होगी। इससे किसानों को सुनिश्चित सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो पायेगी, जिससे इस क्षेत्र के किसानों का आर्थिक विकास तेजी से हो सकेगा। मुख्यमंत्री ने नेपाल सीमा पर स्थित जयनगर में 1.3 किलोमीटर प्वाइंट, 1.4 किलोमीटर प्वाइंट तटबंध के निरीक्षण के दौरान इसे और ऊंचा करने तथा तटबंधों की मजबूती के लिए आयरन सीट पायलिंग का निर्देश दिया।

मुख्यमंत्री ने कमला बलान नदी के नरुवार तटबंध निर्माण कार्य के अवलोकन के क्रम में कहा कि इस तटबंध में स्टील सीट पायलिंग कराए जाने से तटबंध को मजबूती मिलेगी और अगल-बगल के बसावट को सुरक्षा मिलेगी। उन्होंने नरूवार तटबंध के आसपास पर्याप्त मात्रा में मिट्टी भराई करने का भी निर्देश दिया। जिलाधिकारी मधुबनी ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि पिछले वर्ष नरुवार तटबंध के टूटने से बगल के गांव के मकानों की क्षतिपूर्ति राशि प्रभावित लोगों को दे दी गयी है। वहां उपस्थित ग्रामीणों ने क्षतिपूर्ति राशि प्राप्त होने के लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों से कहा कि प्राप्त क्षतिपूर्ति राशि का उपयोग कर अपने मकान के निर्माण/मरम्मति का कार्य शीघ्र करें। मुख्यमंत्री ने तटबंधों की मजबूती का कार्य शीघ्र पूरा करने तथा तटबंधों की सुरक्षा के लिए अधिकारियों एवं अभियंताओं को विशेष सतर्कता बरतने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने सभी तटबंधों के महत्वपूर्ण/स्ट्रैटिजिक स्थानों पर बाढ़ संघर्षात्मक सामग्रियों का भंडारण पर्याप्त मात्रा में रखने का निर्देश दिया ताकि बाढ़ निरोधात्मक कार्य सुचारू रूप से हो सके।

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