सीएम नीतीश का ऐलान- जो यात्री बाहर से बिहार ट्रेन से आयेंगे उनको अपने टिकट का पैसा देना होगा

बिहार सरकार ने साफ़ किया की जो यात्री बाहर राज्य से बिहार ट्रेन से आयेंगे उनको अपने टिकट का पैसा देना होगा । बिहार सरकार का कहना है कि यह भारत सरकार के दिशा निर्देश के अनुसार हैं। आप बताएं एक केंद्र सरकार है जो मजदूरों से किराया लेने की नोटिफिकेशन निकालती है और दूसरा बिहार जैसी राज्य सरकार तुरंत उसका पालन करती है।

जहां पर दिशा निर्देश सही से पालन होना चाहिए नहीं होता है लेकिन जब मजदूरों की बात आती है तब सब दिशा निर्देश तुरंत पालन हो जातें है ? केंद्र सरकार को यह दिशा निर्देश जारी नहीं करना चाहिए था।जब बाहर के देशों से लाखों संख्या में लोगों को स्पेशल फ्लाइट से देश वापस लाया जा सकता है तो फिर मजदूरों से किराया क्यों लिया जा रहा है ? क्या देश में मजदूर ही सबसे पैसा वाला है? क्या सभी कानून मजदूरों के लिए है ? अगर केंद्र ने गाइड लाइन जारी किया है तो राज्य सरकार को अपने तरफ से बड़ा दिल दिखाना चाहिए था। मजदूरों के पैसा देना चाहिए था।

नीतीश कुमार से यह सब उम्मीद नहीं करना चाहिए। पहले तो वो मजदूरों को वापस लाना नहीं चाह रहे थे अब मजदूर जब वापस आ रहे हैं तो उनकी मदद नहीं कर रहे हैं।एक बार नीतीश कुमार से मिला था। बातचीत हुई थी उनके बातों से लगा था कि बहुत visionary CM हैं लेकिन वो जिस तरह वो राज्य चला रहे हैं उसे लगता है कि उनके पास कोई विज़न नहीं है। अगर कोरोना के समय मे कोई राज्य सरकार पूरी तरह फ्लॉप हुई है तो वो बिहार है। सदियों से सुनते आ रहे हैं कि बिहार गरीब राज्य है लेकिन यह गरीब का टैग कब हटेगा।

SUSHIL MOHAPATRA, NDTV

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