सरकारी शिक्षकों ने किया मानव श्रृंखला का बहिष्कार, डैमेज कंट्रोल में जुटी नीतीश सरकार

वेतन के लिए पैसे नहीं तो क्यों कर रहे कार्यक्रम, शिक्षकों ने सरकार के फरमान पर उठाए सवाल

पटना. 19 जनवरी को बनने वाली मानव श्नृंखला (Human Chain) का नियोजित शिक्षकों द्वारा बहिष्कार करने के एलान के बाद बिहार के शिक्षा मंत्री (Education Minister) कृष्णनंदन वर्मा को आगे आना पड़ा है. शिक्षा मंत्री द्वारा शिक्षकों को मनाने की कोशिशें शुरू हो गई हैं. शिक्षा मंत्री ने नियोजित शिक्षकों (Contract Teacher) पर भरोसा जताते हुए कहा है कि हमें विश्वास है कि सरकार के इस सामाजिक और जन सरोकार अभियान में शिक्षक समाज बढ-चढकर भागीदारी निभाएंगे.

मंत्री ने शिक्षकों को प्रबुद्ध नागरिक बताते हुए अपील की है और कहा कि इस अभियान को वेतनमान से शिक्षक नहीं जोड़ें और इसका बहिष्कार नहीं करें. मंत्री ने यह भी कहा कि जलवायु परिवर्तन को लेकर जिस तरह से सीएम चिंतित हैं ऐसे में हर किसी को चिंता करने की जरूरत है ताकि यह अभियान सफल हो सके. हाईकोर्ट में सरकार के खिलाफ जनहित याचिका दायर करने की बात पर मंत्री ने साफ कहा कि सरकार को हाईकोर्ट पर पूरा भरोसा है कि ऐसे जन सरोकार से जुड़े अभियान को लेकर हाईकोर्ट भी सरकार का पूरी तरह से साथ देगी.

शिक्षकों के वेतनमान के मुद्दे पर मंत्री ने चुप्पी साधते हुए कहा कि समय-समय पर सरकार खुद ही शिक्षकों के लिए बेहतर करती रही है. बताते चलें कि कल ही बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समिति के नेता आनंद कौशल ने मानव श्रृंखला के विरोध में हाईकोर्ट में सरकार के खिलाफ जनहित याचिका दायर की है साथ ही शिक्षक संघ ने 19 जनवरी के मानव श्रृंखला का बहिष्कार करने का भी एलान कर दिया है. आनंद कौशल ने जहां रविवार के दिन स्कूल खोलने के आदेश पर सवाल उठाया है वहीं सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि बिहार के 4 लाख नियोजित शिक्षक किसी भी हालत में मानव श्रृंखला में शामिल नहीं होंगे चाहें सरकार इसके लिए शिक्षकों के खिलाफ जो भी कार्रवाई करेगी शिक्षक समाज जेल जाने तक तैयार है.

नियोजित शिक्षकों ने यह भी सवाल उठाया कि सरकार को नियोजित शिक्षकों के वेतनमान देने के लिए पैसे नहीं है तो फिर जल जीवन हरियाली में पानी की तरह पैसा क्यों बहाया जा रहा है. शिशिर कुमार पांडेय, नवनीत कुमार , मो.मुस्तफा समेत कई शिक्षकों ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि बिहार में शिक्षक आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं और सरकार जल जीवन हरियाली अभियान चला रही है जो कि जले पर नमक छिड़कने के बराबर है.

शिक्षा विभाग के अलावे सरकार के सभी विभाग के अधिकारी और कर्मचारी जल जीवन हरियाली को लेकर लगातार तैयारी में जुटे हैं क्योंकि सूबे के मुखिया ही गांव-गांव घूमकर लोगों से अपील कर रहे हैं और संकल्प दिलवा रहे हैं कि 19 जनवरी को सुबह साढे 11 बजे से 12 बजे तक हाथ में हाथ डालकर जल जीवन हरियाली के पक्ष में मानव श्रृंखला बनाएं क्योंकि सरकार का लक्ष्य है कि 16000 किमी से ज्यादा लंबा मानव श्रृंखला बनाकर जिसमें सवा 6 करोड़ लोग खड़े हो सकें और विश्व रिकार्ड स्थापित हो सके.

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