मानव श्रृंखला फ्लॉप, शिक्षकों की बेरुखी CM नीतीश को पड़ी महंगी, घर से नहीं निकले लोग

एक तरफ जहाँ मानव श्रृंखला को लेकर बड़ी बड़ी बाते की जा रही है वही दूसरी और दवा किया जा रहा है की यह मानव श्रृंखला पूरी तरह से फ्लॉप रही है। डेली बिहार डॉट कॉम को कुछ फोटो प्राप्त हुई है जिस से साफ़ है की मानव श्रृंखला सरकारी मास्टरों के कारण फ्लॉप रहा। PHOTO : महुआ वैशाली की यह दो तस्वीर है

क्या है सरकारी दावा : बिहार में जल-जीवन-हरियाली, नशामुक्ति, बाल विवाह एवं दहेज प्रथा उन्मूलन के खिलाफ रविवार को विश्व की सबसे बड़ी मानव श्रृंखला बनाई गई है। पूर्वाह्न 11.30 बजे से दोपहर 12 बजे तक आधे घंटे तक जब 4.27 करोड़ से अधिक लोग एक-दूसरे का हाथ थामेे खड़े हैं। इसके साथ बिहार ने 2018 का अपना ही पुराना विश्‍व रिकार्ड तोड़ दिया है। इसके पहले 2017 में शराबबंदी अभियान को सफल बनाने के लिए बिहार में 11292 किमी लंबी मानव श्रृंखला बनाई गई थी, जिसके रिकार्ड को बिहार वासियों ने दहेज प्रथा एवं बाल विवाह के खिलाफ 13654 किमी लंबी मानव श्रृंखला बनाकर तोड़ा था।

राज्य सरकार मानव श्रृंखला का डाक्यूमेंटेशन भी करा प्रमाण स्वरूप वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज कराने वाली अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों को सौंपेेेगी। इसके लिए 15 हेलीकॉप्टर एरियल फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी में लगाए गए हैं। लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड और गिनीज बुक ऑफ वर्ल्‍ड रिकॉर्ड्स के प्रतिनिधि भी आमंत्रित किए गए हैं।

प्रदेश भर की मानव श्रृंखला का मुख्य केंद्र पटना का गांधी मैदान है। गांधी मैदान से चार दिशाओं में मानव श्रृंखला का जुड़ाव होगा। यहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन प्रसाद वर्मा एवं यूनाइटेड नेशंस के प्रतिनिधि अतुल बगाई समेत अन्य मंत्री व आला अधिकारी मौजूद हैं। गांधी मैदान में मानव श्रृंखला बिहार के नक्शे पर बनाई गई है।


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