माथे पर दउरा लेकर छठ घाट पहुंचे मंत्री मंगल पांडे, कहा- छठि मैया सबकी मनोकामना पूर्ण करें

छठ व्रत के पावन अवसर पर अस्तचलगामी सूर्य को अर्घ्य के लिए छठ का दौरा ले कर छठ घाट जाते हुए मंगल पांडेय। ऐसा नहीं है कि मंगल पांडेय के पास गाड़ी नहीं है और आप बड़का गाड़ीवाले हैं जो गाड़ी दिखा रहे हैं. छठ में अपना अहं का त्याग किया जाता है अपना रुतबा नहीं दिखाया जाता. यही बात वो लोग नहीं समझ रहे हैं जो नवरात्र में डांडिया खेलते खेलते छठ करने लगे….

बिहार में छठ को लेकर उत्साह का माहौल है. पटना में छठ पर अद्भुत नजारा दिखा. पटना के गंगा घाट पर डूबते सूर्य को अर्घ देने बड़ी संख्या में श्रद्धालु जमा हुए.पटना के गांधी घाट पर व्रतियों ने पवित्र गंगा नदी में डुबकी लगाई. इसके बाद भगवान भास्कर को अर्घ दिया. सभी घाटों पर छठ गीत गूंजते रहें. शनिवार की सुबह उगते सूर्य को अर्घ दिया जाएगा.

उगते सूर्य को अर्घ के बाद व्रतियों का पारण होगा और चार दिनों तक चलने वाले आस्था के महापर्व छठ का समापन हो जाएगा. कोरोना संकट के बीच हो रहे छठ पूजा को लेकर गांधी घाट पर खास इंतजाम हैं.डूबते सूर्य को अर्घ देने के दौरान गांधी घाट का नजारा दिल को प्रसन्न करने वाला रहा. नदी में बैरिकेडिंग की गई है. व्रतियों और श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए नदी में एनडीआरएफ की टीम तैनात है.

अर्घ के दौरान गंगा घाट पर आस्था का अनुपम नजारा दिखा. व्रतियों ने पवित्र गंगा नदी में डुबकी लगाई. इसके बाद छठ गीत के बीच में पूजा का सिलसिला जारी रहा. इसके साथ डूबते सूर्य को अर्घ दिया गया.डूबते सूर्य को अर्घ देने के बाद उदीयमान भगवान भास्कर को अर्घ देने का इंतजार किया जा रहा है. उगते सूरज को अर्घ के बाद सभी व्रती पारण करेंगे. इसके बाद चार दिवसीय महापर्व छठ संपन्न हो जाएगा.

पटना में प्रशासन ने लोगों से अपील की थी कि वो घर पर ही छठ मनाए। पर हर किसी के घर में इतनी जगह नहीं होती कि वो छठ मना सकें। ऐसे में लोग गंगा के घाटों पर उमड़े हैं। कोरोना के लिहाज से जो सावधानी नजर आनी चाहिए, वह भी नहीं दिखाई पड़ रही। छठ व्रती महिलाओं ने गंगा में स्नान किया और सूप उठाए।

इस बार छतों पर छठ करने वालों की संख्या बढ़ी है। इसके बावजूद घाट पर भीड़ है। छठ घाट पर हर किसी को मास्क लगाने का निर्देश है, लेकिन इसका ठीक से पालन नहीं हो रहा। जिला प्रशासन ने पटना के 24 घाटों को खतरनाक घोषित कर रखा है।

नदियों के घाटों पर न पुरोहित हैं, न मंत्रोच्चार। व्रती और भगवान सूर्य के बीच कोई नहीं है। भक्त और भगवान का सीधा संवाद है छठ। आज डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद अगली सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। चार दिन के इस पर्व में महिलाओं ने 36 घंटे का निर्जला उपवास रखा है। छठ सभी जातियों और धर्मों को जोड़ने वाला महापर्व है और घाटों पर इसका नजारा साफ दिख रहा है।

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