बिहार का दूसरा नटवरलाल है मनीष कश्यप, PM मोदी के खासमखास राकेश पाण्डेय से है इसका पुराना नाता

एक तस्वीर हज़ार शब्दों के बराबर होती है. इसलिए आज कोई लंबी कहानी नहीं, बस लीजिए ये तस्वीर, इसे देखिए, परखिए और मेरा यक़ीन करिए कि मैंने त्रिपुरारी कुमार तिवारी उर्फ़ मनीष_कश्यप और चितरंजय कुमार द्विवेदी और उर्फ़ मणि द्विवेदी तथा तमिल बनाम बिहारी प्रकरण के पीछे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ/भाजपा के षड्यंत्र को बहुत प्रमाणिकता से लिखा है. यही है सच तक मीडिया प्राइवेट लिमिटेड का असल सच जो मेरी बात को पुख़्ता करता है. ग़र आपको फिर भी यक़ीन न हो तो केवल यह पता कर लीजिए कि इस कंपनी को पैसा कहाँ-कहाँ से मिलता है और इसकी कमाई कौन-कौन खाते हैं.

तमिल बनाम बिहारी के फेक मुद्दे को गढ़ने वाले राकेश पांडेय एवं उनका नरेंद्र मोदी कनेक्शन” : नीरज प्रियदर्शी

मेरी अबतक की रिपोर्टिंग से आपको जानकारी मिल गई होगी कि तमिल बनाम बिहारी का मुद्दा एक षड्यंत्र के तहत रचा गया जिसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कुछ बड़े नाम शामिल हैं. मैं यह बात पहले बता चुका हूँ कि कैसे मनीष कश्यप इस षड्यंत्र का मोहरा भर है, पीछे के मास्टरमाइंड संघ से जुड़े लोग हैं.

अब मैं आपको इस षड्यंत्र के प्रमुख मास्टरमाइंड राकेश पाण्डेय के बारे में बताऊँगा कि वो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शीर्ष स्तर पर कितनी गहरी पैठ रखता है? राकेश पाण्डेय से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कितना करीबी जुड़ाव है? साल 2011-12 में पाँच करोड़ रुपए की कैपिटल के साथ दिल्ली में शुरू हुई कंपनी आज दो बिलियन डॉलर की कंपनी कैसे बन गई? और राकेश पांडेय ने इस कंपनी को ज़रिया बनाकर पिछले क़रीब 10 सालों से कैसे देश और दुनिया की राजनीति को आरएसएस के एजेंडे के अनुसार प्रभावित किया है?

यदि आप इंटरनेट पर राकेश पांडेय और इसकी कंपनी ब्रैवो फ़ार्मा के बारे में पड़ताल करेंगे तो सबसे पहले आपको राकेश पांडेय के सोशल मीडिया प्रोफ़ाइल्स मिलेंगे साथ ही कंपनी के प्रोफ़ाइल्स मिलेंगे.

इन प्रोफ़ाइल्स से आपको यह शुरुआती जानकारी मिलेगी की राकेश पांडेय साल 2011-12 से Bravo Pharmaceuticals pvt ltd से जुडा या उसकी शुरुआत की. कंपनी राजिस्ट्रार की वेबसाइट पर इसके काग़ज़ात हैं जो यह साबित भी करते हैं कि कंपनी का गठन इसी दौरान हुआ जिसमें राकेश पांडेय और उसकी पत्नी रीना सिंह डायरेक्टर बने. इस कंपनी के दफ़्तर का पता है – 37 FIRST FLOOR SARVODAYA ENCLAVE NEW DELHI New Delhi
DL 110017 IN.

लेकिन, असल में राकेश पांडेय के फ़्रॉड की कहानी यहाँ से शुरू नहीं होती, बल्कि साल 2007-08 से शुरू होती है. जब वह राँची में मधु कोड़ा की सरकार के साथ विनोद कुमार सिन्हा के साथ मिलकर काम करता था.

कंपनी राजिस्ट्रार की वेबसाइट से ही मालूम चला कि राकेश पांडेय इससे पहले राँची और दिल्ली में गठित दो कंपनियों का डायरेक्टर रह चुका था. ये कंपनियाँ थीं क्रमश: Ittiam Infra Consultants Private Limited और QUANTUM POWER Director
TECH PRIVATE Limited. दोनों ही कंपनियों में इसका सहयोगी डायरेक्टर था रोहिताश कृष्णम नाम का आदमी. इससे जुड़ी कई और भी कंपनियाँ थीं जिसके डायरेक्टर दोनों मिलकर थे. ख़ास तौर पर जो दूसरी कंपनी क्वांटम है उसमें रोहिताश और राकेश के अलावा भी दूसरे डायरेक्टर मयंक भूषण, रणवीर प्रताप सिंह, ब्रजेश कुमार सिंह. इत्तियम इन्फ़्रा नाम की कंपनी 21 अगस्त 2008 राँची में गठित हुई जिसका पता है -4TH FLOOR,RUKMANI TOWER
HARMU ROAD RANCHI Ranchi JH
834007 IN, जबकि दूसरी कंपनी क्वांटम का गठन अट्ठाईस मार्च 2008 को हुआ. इसका मतलब कि रोहिताश के डायरेक्टऱशिप में क्वांटम का गठन पहले किया गया, फिर राकेश के डायरेक्टरशिप में इत्तियम का गठन किया गया. यह क्यों किया गया, आगे समझिए.

साल 2008-09 ही वह वक्त था जब क्वांटम पावरटेक नाम की कंपनी झारखंड की मधु कोड़ा की सरकार के लिए काम कर रही थी. काम क्या था, यह तब पता चला जब राकेश पांडेय ने व्हिसिल ब्लोअर की भूमिका निभाते हुए मधु कोड़ा के खिलाफ चार हज़ार करोड़ रुपए के घोटाले का मामला प्रायोजित करवाया जिसमें मधु कोड़ा जेल भी गए. इस मामले में झारखंड उच्च न्यायालय का फ़ैसला पढ़ने पर मालूम चलता है कि रोहिताश कृष्णम और उसकी कंपनी क्वांटम पावरटेक याचिकाकर्ता की भूमिका निभा रहे थे.

ख़ास बात है कि मधु कोड़ा प्रकरण के बाद और साल 2011-12 के पहले राकेश पांडेय कहाँ था और क्या कर रहा था, इंटरनेट से आपको वह जानकारी नहीं मिल पाएगी. लेकिन, उस वक्त झारखंड के लिए पत्रकारिता कर रहे कुछ पत्रकारों से मिली जानकारी में पता चला कि राकेश पाण्डेय उसके बाद सोशल मीडिया पर लंदन में ही दिखा.

अब राकेश पांडेय के लंदन कनेक्शन की कहानी जानिएगा तो वो भी हैरान करने वाली है. राकेश पांडेय की ही डायरेक्शनशिप में यूके की कंपनी Bravo Pharma Uk limited का गठन साल 2016 में 23 नवंबर को हुआ. और सबसे ख़ास तथा हैरान करने वाली बात ये कि राकेश पांडेय के सोशल मीडिया टाइमलाइन पर 2016-17 से ही पोस्ट दिखने शुरू हो जाते हैं. जानकारी के लिए बता दें कि यूके में कंपनी का रजिस्टर्ड पता है Unit 1, Conqueror Court Spilsby Road, Harold Hill, Romford, Essex, United Kingdom, RM3 8SB.

यूके में बनी इस कंपनी की कहानी भी कम रोचक नहीं है. इसमें तीन पार्टनर्स हैं. पहला राकेश पांडेय जो कि कंपनी का डायरेक्टर है और जिसके पत्राचार का पता है- Flat 28, French Apartments, Lansdowne Road, Purley, England, CR8 2PH. दूसरा है कंपनी का सेक्रेटरी निशांत पटेल जो कि सेक्रेटरी की भूमिका में हैं और इसके पत्राचार का पता है Weald Croft In Roughtally’s, Epping Road, North Weald, Epping, Essex, CM16 6BJ. और तीसरा है- कमलेश कनुभाई पटेल जिसके पत्राचार का पता वही है जो निशांत पटेल का है. इनमें कमलेश के पास ब्रिटिश नागरिकता है, राकेश पांडेय भारतीय नागरिक है और निशांत के नागरिकता का कहीं उल्लेख नहीं मिलता लेकिन यह स्पष्ट है कि कमलेश और निशांत दोनों साथ रहते हैं.

यूके सरकार के दस्तावेज़ों के मुताबिक़ वर्तमान में कंपनी पर कंट्रोल सिर्फ़ दो लोगों के पास है. पहला, Bravo Life Science Holding Pte. Ltd. जो सिंगापुर के कंपनी एक्ट के मुताबिक़ सिंगापुर में ही 10 फ़रवरी 2023 को गठित हुई और इसके पत्राचार का पता है 160 Robinson Road, 14-04, Singapore Business Federation Center Building, Singapore, 068914. जबकि दूसरा पार्टनर है Ric Chemicals Ltd. इसका पत्राचार का पत्ता लंदन का है जो Bravo Pharma uk ltd का रजिस्टर्ड पता है. इसका भी गठन उसी दिन 23 नवंबर 2016 को हुआ था, जिस दिन ब्रैवो फ़ार्मा यूके लिमिटेड का हुआ था.

लेखक : नीरज प्रियदर्शी, युवा पत्रकार

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