मात्र 16 वर्ष की उम्र में ऐम्स, 22 में बन गए आईएएस और फिर नौकरी छोड़कर ऑनलाइन पढाने का काम शुरू किए:

हम अपने आस-पास कई तरह के सफलता की कहानियां सुनते है। कोई मजदूरी करके पढ़ाई करता है, तो किसी को भूखे पेट भी सोना पड़ता है। लेकिन सफलता हासिल करने के बाद यदि कोई समाज सेवा के लिए IAS की नौकरी छोड़ देता है तो यह सुनकर ही असंभव सा लगता है। पर यह सच है। IAS रोमन सैनी अपने अधिकारी के पद से इस्तीफा देकर समाज में शिक्षा का जलवा बिखेर रहे है।

IAS रोमन सैनी ऑफिसर के पद से इस्तीफा देकर बच्चों को फ्री में कोचिंग दे रहे है। हमारे समाज में ऐसे कई प्रतिभाशाली छात्र है जो पैसे की कमी के कारण आगे नहीं बढ़ पाते है। अपने सपनों को पूरा नहीं कर पाते है। ऐसे छात्रों को रोमन सैनी फ्री में आईएएस (IAS) की तैयारी करवा रहे है। जिस पद से रोमन सैनी ने इस्तीफा दिया, वहां तक पहुंचने की लालसा बहुत लोगों के मन में रहती है लेकिन वे सिर्फ फ्री कोचिंग देने के लिए अपने इस पद से इस्तीफा दे दिए।

देश के सबसे युवा IAS की सूची में शामिल होने वाले रोमन सैनी राजस्थान के कोटपुतली के रहने वाले हैं। उनकी पढ़ाई राजस्थान से ही हुई। वह पढ़ने में बचपन से ही काफी तेज़-तर्रार थे। वह मात्र 16 साल के उम्र में ही AIIMS की प्रवेश परीक्षा पास कर लिए थे। वहीं AIIMS की प्रवेश परीक्षा जिसे लोग 25-30 सालों की उम्र में पास कर पाते है।

रोमन सैनी (Roman Saini) एक शिक्षित परिवार से ताल्लुक रखते है। उनके पिता एक इंजीनियर है और मां हाउस वाइफ हैं। पढ़े-लिखे परिवार से होने के कारण उन्हें बचपन से ही अच्छा माहौल मिला जिसका उनके ज़िंदगी पर भी असर हुआ। वह अपने परिवार में पहले IAS ऑफिसर बने थे। मात्र 16 साल की उम्र में AIIMS की भी परीक्षा पास कर अपने परिवार को गौरवांवित किए थे। 18 साल के होते रोमन ने एक प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल में अपना रिसर्च पेपर भी प्रकाशित कराया। इतना ही नहीं, MBBS पूरा करने के बाद, उन्होंने मनोचिकित्सा में NDDTC में एक जूनियर रेजिडेंट के रूप में काम किया और डॉ. की उपाधि भी प्राप्त किए।

ऐसा पहली बार हुआ था कोई युवा आइएएस अफसर दूसरों की बेहतरी लिए इस तरह से इस्तीफा दिया था। रोमन सैनी नंबर वन डिजिटल लर्निंग प्लेटफॉर्म “अनएकेडमी” संस्था में काम करने के लिए अपना नौकरी छोड़े हैं। रोमन अपने पढ़ाई के समय ही शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे बाजारीकरण को महसूस किए थे। बच्चों की मदद करने के लिए ही उन्होंने अपने इस बड़े त्याग को छोटा सा प्रयास समझा। वह मात्र 22 साल की उम्र में बिना किसी कोचिंग की सहायता से पहले प्रयास में हीं यूपीएससी (UPSC) की परीक्षा पास कर 18वीं रैंक प्राप्त किए थे और देश के सबसे युवा IAS की सूची में शामिल हो गए।

रोमन सैनी (Roman Saini) मेडिकल की ट्रेनिंग के दौरान कई सरकारी मेडिकल कैंप में गए। वहां उन्होंने गरीबी को बहुत करीब से देखा। पैसे के अभाव में लोग कैसे जीवन-यापन करते है, आशिक्षा का सबसे बड़ा कारण गरीबी भी है। लोगों के बदतर हालत को देखते हुए उन्होंने समाज को शिक्षित करने का प्रयत्न किया। आगे वह मेडिकल की ट्रेनिंग के साथ साथ ही UPSC की भी तैयारी करने लगे। 2013 में रोमन पहले प्रयास में ही UPSC की परीक्षा में 18वीं रैंक हासिल किए।

उनकी ट्रेनिंग के बाद पहली पोस्टिंग एमपी में हुई लेकिन नौकरी के 2 साल बाद ही वह अपने पद से इस्तीफा दे दिए। आगे वह अनएकेडमी चैनल को जॉइन किए और वहां फ्री में कोचिंग देने लगे। रोमन के मेहनत और ईमानदारी के बदौलत ही अनएकेडमी सबसे बड़ा डिजिटल लर्निंग प्लेटफार्म के रूप में प्रकाशित है।

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