मेडिकल रिपोर्ट में खुलासा, लीची के कारण नहीं हुआ था चमकी बुखार, लीची पर से हटेगा काला धब्बा

मेडिकल रिपोर्ट में खुलासा, लीची के कारण नहीं हुआ था चमकी बुखार, लीची पर से हटेगा काला धब्बा : बच्चों के लिए जानलेवा रही चमकी बुखार (एईएस) के मुख्य कारणों में लीची नहीं है। मुजफ्फरपुर की विश्व प्रसिद्ध लीची पर से यह काला धब्बा हटाया जाएगा। 2012 से लेकर 2019 तक विभिन्न विशेषज्ञों की ओर से किए गए शोध में लीची को बीमारी का कारण नहीं बताया गया है। जुलाई 2019 में आईसीएमआर (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) में विशेषज्ञों की बैठक में भी इस फल को कारण नहीं माना गया था।

2013 में लीची को लेकर रिपोर्ट दी गई थी कि इस फल के सेवन से एईएस बीमारी हो रही है। 2019 में यह बीमारी उस समय हुई जब लीची का मौसम खत्म हो गया था। 70 बच्चों की मौत व उसके इलाज के दौरान किसी तरह का जहर पेट में जाने की पुष्टि नहीं हुई। इन बच्चों में वैसे बच्चे भी थे रात को खाना तो खाया पर लीची नहीं खाई थी।

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दिल्ली में जुलाई में आईसीएमआर की इस पर हुई बैठक में कुछ विशेषज्ञों ने इस फल को लेकर संदेह व्यक्त किया। लेकिन 60 विभिन्न क्षेत्रों के मेडिकल विशेषज्ञ इस पर एकमत नहीं हुए। सौ से अधिक डॉक्टरों की शोध में यह निष्कर्ष सामान्य तौर पर आया कि मई से जून तक मुजफ्फरपुर में गर्मी राज्य के अन्य जिलों से अलग होती है। यहां रात में लगातार तापमान अधिक रहता है। इसके साथ कुपोषण से प्रतिरोधी क्षमता कम होने से बच्चे हाइपोग्लेसिमिया की चपेट में आते हैं। इस कारण बच्चों का माइटोकॉ्ड्रिरया फेल हो जाता है। देखें

सरकार के अफसरों ने आईसीएमआर को एईएस के लिए मुख्य कारणों में से लीची को हटाने की अनुशंसा की है। आईसीएमआर जल्द ही लीची नहीं खाने जैसी सलाहों को प्रचारसे हटाने की अनुशंसा बिहार सरकार से करेगा।

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