नीतीश का सुशासन, बेउर जेल में बैठकर मोबाइल चला रहे थे अपराधी, गलती मानने से जेलर का इंकार

जिला प्रशासन अाैर पुलिस की लाख छापेमारी के बाद भी बेउर जेल में माेबाइल से कैदी हैलाे…. हैलाे कर रहे हैं। माेबाइल के रिंग टाेन बज रहे हैं, लेकिन जेल प्रशासन काे इसकी भनक नहीं लगती है। हर बार छापेमारी में माेबाइल नहीं मिलता है। दरअसल बेउर जेल में जैमर लगाए जाने की याेजना चल रही है। दिल्ली से अाए टेक्नीशियन जैमर लगाने का ट्रायल कर रहे थे।इसी दाैरान पता चला कि वार्ड में तीन माेबाइल एक्टिव हैं। उनसे बात भी हाे रही है। इसका पता लगने पर जेल प्रशासन ने तीनाें कैदियाें से माेबाइल बरामद कर लिया। सूत्राें के अनुसार, जिन तीन कैदियाें से माेबाइल बरामद हुए, उन्हें वार्ड से ले जाकर सेल में भी डाल दिया गया। हालांकि जेल के अधीक्षक सत्येंद्र कुमार ने कहा कि जैमर लगाने का ट्रायल हुअा है। बकाैल जेल अधीक्षक किसी भी कैदी के पास से माेबाइल बरामद नहीं हुअा है।

जेल में बैठ करा रहे अापराधिक वारदातें : जैमर लगाने की याेजना पिछले कई साल से चल रही है। बेउर जेल से पटना समेत कई जिलाें में अापराधिक वारदातें हाे चुकी हैं। करीब एक माह पहले ही बंगाल में एक भाजपा नेता की हत्या के तार बेउर जेल से जुड़ा था। बंगाल पुलिस बेउर जेल भी अाई थी। जब भी पटना में काेई बड़ी वारदात हाेती है ताे पुलिस बेउर जेल में बंद कुख्याताें से पूछताछ करने जाती रही है। कई मामलाें का खुलासा बेउर जेल से भी हाे चुका है। पुलिस भी इस बात काे दबी जुबान में मानती है कि बेउर जेल से अापराधिक वारदातें हाेती रही हैं।

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