गुजरात, पंजाब, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती जिलों में गुरुवार को बड़ी सुरक्षा Mock Drill होने जा रही है। यह अभ्यास भारत की ओर से पाकिस्तान पर हुए हालिया “ऑपरेशन सिंदूर” के बाद की जा रही सुरक्षा तैयारी का हिस्सा है।
सरकार और सेना अब कोई ढील नहीं देना चाहती – आतंक का जवाब अब पूरी ताक़त से दिया जाएगा, यही संदेश इस मॉक ड्रिल के जरिए देना है।
Mock Drill क्यों हो रही है?
7 मई को भारत ने पहली बार इतने बड़े स्तर पर मॉक ड्रिल की थी और उसी रात पाकिस्तान के अंदर घुसकर आतंकी ठिकानों पर हमला किया था। अब फिर से गुरुवार को दूसरी मॉक ड्रिल होगी, ताकि सीमावर्ती राज्य किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहें।
ऑपरेशन सिंदूर क्या है?
भारत ने हाल ही में एक बड़ा सैन्य अभियान चलाया था जिसे “ऑपरेशन सिंदूर” कहा गया। इस ऑपरेशन में तीन मुख्य मकसद थे:
- राजनीतिक – पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाना।
- सैन्य – आतंकी अड्डों को खत्म करना।
- मनोवैज्ञानिक – आतंकियों को डराना कि अब वे कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं।
रिपोर्ट्स क्या कहती हैं?
मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि आतंकी ठिकानों पर हमलों के बाद अब सीमावर्ती राज्यों में फिर से मॉक ड्रिल शुरू की जा रही है। इसमें गांवों के लोगों को भी शामिल किया जा रहा है, ताकि वे जान सकें कि आपात स्थिति में क्या करना है।
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क्या यह पहले भी हुआ है?
जी हां, 1971 की जंग के बाद पहली बार इतना बड़ा अभ्यास हुआ था। अब वही पैमाना फिर दोहराया जा रहा है। सेना, पुलिस और प्रशासन सब मिलकर यह अभ्यास करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी का सख्त संदेश
पीएम मोदी ने साफ कहा – “हर गोली का जवाब अब गोला (तोप का गोला) से मिलेगा।”
उन्होंने ये भी कहा कि पाकिस्तान जब तक आतंकवाद को समर्थन देगा, तब तक सिंधु जल संधि पर भी रोक जारी रहेगी।
विदेशों तक गूंजा भारत का संदेश
22 अप्रैल को सऊदी अरब में मोदी जी ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को भारत के संकल्प के बारे में बताया। 1 मई को विदेश मंत्री जयशंकर ने अमेरिकी सीनेटर से भारत की कार्रवाई के पीछे की वजहें साझा कीं।
वायुसेना ने कैसे मारा?
भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के एयरबेस, रडार स्टेशनों और लॉन्चपैड्स पर सीधा हमला किया।
IAF के एयर मार्शल ए.के. भारती के अनुसार, स्कार्दू, जैकोबाबाद, रहीम यार खान जैसे इलाकों में भारी नुकसान हुआ है।
भारत की नीति अब साफ है:
- आतंकवाद को कहीं से भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
- सीमा हो या सीमा के पार, जरूरत पड़ी तो कार्रवाई होगी।
- मॉक ड्रिल अब नई ‘नॉर्मल’ बन चुकी है – यानि कि अब ये अभ्यास अक्सर होते रहेंगे।
निष्कर्ष:
अब देश आतंक के खिलाफ पूरी तरह कमर कस चुका है। मॉक ड्रिल हो या ऑपरेशन सिंदूर – भारत का रुख सख्त और साफ है।
संदेश स्पष्ट है – अब कोई भी आतंकी सुरक्षित नहीं है, चाहे वो कहीं भी छिपा हो।