कैबिनेट का बड़ा फैसला- भारत पेट्रोलियम सहित 5 सरकारी कंपनी को बेचेगी मोदी सरकार
विनिवेश पर कैबिनेट का बड़ा फैसला, भारत पेट्रोलियम सहित 5 कंपनियों की हिस्सेदारी बेचेगी सरकार
नई दिल्ली. कैबिनेट ने बुधवार को भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) यानी बीपीसीएल समेत 5 सरकारी कंपनियों में स्ट्रैटेजिक विनिवेश को मंजूरी दे दी है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कैबिनेट बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि कैबिनेट ने BPCL, शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SCI), कॉनकोर (CONCOR) में समेत पांच कंपनियों में सरकार की हिस्सेदारी बेचने को मंजूरी दी है. वित्त मंत्री ने कहा कि कुछ CPSEs में हिस्सा 51% से घटाने को मंजूरी दी है. हालांकि इनमें मैनेजमेंट कंट्रोल सरकार के पास रहेगी.
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार बीपीसीएल में स्ट्रैटजिक विनिवेश करेगी, लेकिन बीपीसीएल का एक हिस्सा असम में नुमलीगढ़ा रिफाइनरी (NRL) को सरकार नहीं बेचेगी. उन्होंने कहा, नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड की 61.65 फीसदी हिस्सेदारी नहीं बेची जाएगी. इसमें सरकार की हिस्सेदारी रहेगी. बीपीसीएल का पूरा मैनेजमेंट कंट्रोल ट्रांसफर होगा.
सीतारमण ने कहा कि कैबिनेट ने 7 CPSEs में विनिवेश को मंजूरी दी है. कैबिनेट ने SCI में 63.75 फीसदी हिस्सेदारी औऱ कॉनकोर में 30.8 फीसदी हिस्सेदारी घटाने की मंजूरी दी. खरीदार को SCI का मैनेजमेंट कंट्रोल भी मिलेगा. नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (NEEPCO) की 100 फीसदी हिस्सेदारी NTPC को दी जाएगी. वहीं टीएचडीसीएल इंडिया लिमिटेड (THDCIL) का मैनेजमेंट कंट्रोल भी NTPC को मिलेगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार शाम को हुई मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संवाददाताओं से कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की देश की दूसरी सबसे बड़ी रिफाइनरी कंपनी बीपीसीएल से नुमालीगढ़ रिफाइनरी को अलग किया जायेगा. उसके बाद प्रबंधन नियंत्रण के साथ बीपीसीएल में सरकार की 53.29 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने को मंजूरी दे दी गई. मंत्रिमंडल ने एससीआई में सरकार की पूरी 63.75 प्रतिशत हिस्सेदारी तथा कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया में 30.9 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने को भी मंजूरी दे दी. सरकार की कॉनकार में फिलहाल 54.80 प्रतिशत हिस्सेदारी है.
मंत्री ने कहा कि इसके अलावा सरकार टीएचडीसी इंडिया तथा नार्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन लि. (एनईईपीसीओ) में सरकार की हिस्सेदारी को सार्वजनिक क्षेत्र की एनटीपीसी लि. को बेच दिया जायेगा. सरकार ने इसके साथ ही इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) जैसे चुनिंदा सार्वजनिक उपक्रमों में अपनी हिस्सेदारी 51 प्रतिशत से नीचे लाने को मंजूरी दे दी. हालांकि, इनमें प्रबंधन नियंत्रण सरकार अपने पास ही रखेगी.
विनिवेश की जाने वाली कंपनी की हिस्सेदारी दूसरे सार्वजनिक उपक्रमों को बेचे जाने के आधार पर सरकार का उस इकाई में प्रबंधन नियंत्रण होगा. सरकार की फिलहाल आईओसी में 51.5 प्रतिशत हिस्सेदारी है. इसमें 25.9 प्रतिशत हिस्सेदारी सार्वजनिक क्षेत्र की एलआईसी के पास तथा ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) तथा ऑयल इंडिया लि. के पास है। सरकार 26.4 प्रतिशत हिस्सेदारी करीब 33,000 करोड़ रुपये में बेच सकती है. सीतारमण ने कहा कि नुमालीगढ़ रिफाइनरी को सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनी को सौंपा जायेगा. पूर्वोत्तर में निजीकरण की पहल को लेकर चिंता को दूर करते हुए यह कदम उठाया गया है.