एअर इंडिया और हिंदुस्तान पेट्रोलियम को PVT हाथों में देगी मोदी सरकार, 19 कंपनियों का बिकना तय
PATNA : वैसे तो मोदी सरकार लंबे समय से कर्ज में डूबी हुई एअर इंडिया और पवन हंस के विनिवेश की कोशिश कर रही है लेकिन मनमाफिक खरीदार अब तक नहीं मिले हैं. अब सरकार की ओर से सार्वजनिक तौर पर उन सभी पब्लिक सेक्टर की कंपनियों के बारे में जानकारी दी गई है जिन्हें विनिवेश की मंजूरी दी जा चुकी है. ये कुल 28 कंपनियां हैं.इसके अलावा मंत्रालय की ओर से कुल 19 कंपनियों के बारे में भी बताया गया जिन्हें बंद करने की सरकार ने मंजूरी दी है. ये सभी कंपनियां घाटे में चल रही हैं.
दरअसल, हाल ही में कांग्रेस लोकसभा सांसद एडवोकेट अदूर प्रकाश ने सदन में भारी उद्योग और लोक उद्यम मंत्रालय से पब्लिक सेक्टर की कंपनियों का ब्यौरा मांगा था. इसी का जवाब देते हुए मंत्रालय के मंत्री अरविंद गणपत सांवत ने उन कंपनियों के बारे में जानकारी दी जिन्हें सरकार ने सैद्धांतिक विनिवेश को मंजूरी दे दी है. बता दें कि विनिवेश प्रक्रिया निवेश का उलटा होता है. जहां निवेश किसी कारोबार, किसी संस्था या किसी परियोजना में रकम लगाना होता है तो वहीं विनिवेश का मतलब उस रकम को वापस निकालना होता है.
इनके विनिवेश को मिल चुकी है मंजूरी : मोदी सरकार की ओर से प्रोजेक्ट एंड डेवलपमेंट इंडिया लिमिटेड, हिंदुस्तान प्रीफैब लिमिटेड (HPL), हॉस्पिटल सर्विसेज कंसल्टेंसी लिमिटेड, राष्ट्रीय परियोजना निर्माण निगम, इंजीनियरिंग पोजेक्ट लिमिटेड, ब्रिज एंड रूफ कंपनी इंडिया लिमिटेड, पवन हंस लिमिटेड, अलॉय स्टील प्लांट, हिंदुस्तान न्यूजप्रिंट लिमिटेड (सहायक), स्कूटर्स इंडिया लिमिटेड के अलावा भारत पंप और कंप्रेशर्स लिमिटेड के विनिवेश को मंजूरी मिल चुकी है. इसके अलावा हिंदुस्तान फ्लोरोकार्बन लिमिटेड, सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड, फेरा स्क्रैप निगम लिमिटेड और भारतीय सीमेंट निगम लिमिटेड को भी सरकार बेचना चाहती है.
ये कंपनियां भी बेचना चाहती है सरकार : एनएमडीसी का नगरनार स्टील प्लांट, सेल का सेलम स्टील प्लांट, सेल की भद्रावती यूनिट्स, एअर इंडिया और इसकी 5 सहायक कंपनियां, ड्रेजिंग कॉपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, एचएलएल लाइफकेयर लिमिटेड, इंडियन मेडिसिन एंड फार्मास्युटिकल्स कॉपोरेशन लिमिटेड (IMPCL), कर्नाटक एंटीबायोटिक्स एंड फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड, कामराजार पोर्ट लिमिटेड, भारतीय पर्यटन विकास निगम लिमिटेड, ग्रामीण विद्युतीकरण निगम लिमिटेड, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉपोरेशन लिमिटेड
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