धर्म परिवर्तन पर मोदी सरकार का बड़ा फैसला, मुस्लिम और ईसाई बनने वालों को नहीं मिलेगा आरक्षण

केंद्र की मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए मोदी सरकार ने स्पष्ट रूप से कहा है कि अगर कोई हिंदू जो आरक्षण पाने वाले कैटेगरी से आता हो और उसने धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम या ईसाई धर्म अपना लिया हो ऐसे लोगों को भविष्य में आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता. आसान भाषा में कहा जाए तो धर्म परिवर्तन करने वाले मुस्लिम और ईसाई लोगों को आरक्षण नहीं दिया जाएगा. आइये डिटेल में जानते हैं क्या है पूरा मामला….

धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम और ईसाई बनने वाले अनुसूचित जाति के लोगों को एससी की तरह आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में शपथ पत्र देकर यह बात कही।

सरकार ने यह शपथपत्र एक जनहित याचिका के जवाब में दाखिल किया, जिसमें मांग की गई है कि आरक्षण का लाभ ईसाई और मुसलमान बने दलितों को भी मिले। याचिका जस्टिस रंगनाथ मिश्रा आयोग की रिपोर्ट के आलोक में दायर की गई है, जिसने यह अध्ययन किया था कि अन्य धर्मों के दलित भी ऐसी ही अयोग्यता झेलते हैं, जैसे हिंदू दलित अनुभव करते हैं। याचिका में कहा गया है कि एससी-एसटी आयोग ने भी इस तरह की राय व्यक्त की है। इस याचिका पर जस्टिस एसके कौल की पीठ ने 30 अगस्त को केंद्र सरकार से जवाब मांगा था।

सरकार का पक्ष

● मिश्रा आयोग की रिपोर्ट फील्ड स्टडी पर आधारित नहीं थी। आयोग की राय बेहद संकुचित थी। इसमें यह ध्यान नहीं दिया गया कि मौजूदा एससी सूची में इन्हें जोड़ा गया तो उसका क्या प्रभाव होगा

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