DELHI-NCR से लौट रहे लोगों ने बिहार सरकार की बढ़ाई चिंता, मिल रहे सबसे अधिक कोरोना संक्रमित

Patna: बीते कुछ दिनों से बिहार में कोरोना संक्रमितों की संख्या में अचानक तेजी दर्ज की गई है. दूसरे राज्यों के प्रवासी मजदूरों के लगातार बिहार आने के कारण कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ी है. प्रवासी मजदूरों की जांच में 6.12 प्रतिशत पॉजिटिव केस मिले हैं.

हिंदुस्तान के अनुसार, बाहर से लौटकर बिहार आने के बाद संक्रमित पाए गए लोगों में सबसे बड़ी संख्या संख्या नई दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से आने वाले लोगों की है. यहां से लौटे कोरोना पॉजिटिव की संख्या 78 है. इसी तरह गुजरात से आए लोगों में से 71, महाराष्ट्र से 57, पश्चिम बंगाल से 20 और हरियाणा से आए 13 लोग संक्रमित मिले हैं. सूचना एवं जनसंपर्क सचिव अनुपम कुमार ने भी कहा कि बाहर से आने वालों के कारण बिहार में संक्रमितों की संख्या बढ़ी है.

सूचना एवं जन-सम्पर्क सचिव अनुपम कुमार, स्वास्थ्य सचिव लोकेश कुमार सिंह एवं अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) जितेंद्र कुमार ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर किए जा रहे कार्यों की अद्यतन जानकारी साझा करने के लिए एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की. 13 मई को आयोजित नियमित संवाददाता सम्मेलन में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कहा कि हाल में बाहर से आए लोगों के कारण राज्य में संक्रमितों की संख्या बढ़ी है. 3 मई से पहले जब संक्रमण की जांच के लिए स्वाब सैंपल लिये जा रहे थे तब उसमें से 1.8 प्रतिशत लोग ही संक्रमित मिल रहे थे, लेकिन पिछले 24 घंटे में जब बाहर से आने वालों की रैंडम सैंपल जांच कराई गई तब कुल 1927 जांचों में 118 लोग पॉजिटिव मिले हैं. यह 12 मई को किए गए कुल जांच का 6.12 प्रतिशत है.

स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि अब तक बिहार में 39149 स्वाब सैंपल की जांच कराई गई है जिनमें से 909 पॉजिटिव पाए गए हैं. यह कुल जांच का 2.32 प्रतिशत है. उन्होंने कहा कि पहले भी राज्य में इसी गति से जांच हो रही थी लेकिन कुल जांच में पॉजिटिव मिलने वालों का प्रतिशत 1.8 के आस पास ही था. सचिव ने बताया कि अब तक बाहर से आए 332 लोग, जिनमें विदेशी शामिल नहीं हैं, संक्रमित पाए गए हैं. उन्होंने बताया कि इनमें से 277 लोग तीन मई के बाद बिहार पहुंचे हैं और संक्रमित पाए गए हैं.

स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि सरकार ने एक रणनीति के तहत बाहर से आने वाले लोगों को प्रखंड स्तर पर बनाए गए क्वारंटाइन केंद्र में रखा है और वहां उनकी रैंडम सैंपल लेकर जांच कराई जा रही है. यहां बच्चे, बूढ़े और महिलाओं के लिए अलग-अलग व्यवस्था की गई है. उन्होंने कहा कि बाहर से आने वाले लोगों को यदि सीधे उनके गांव भेज दिया जाता तो इससे संक्रमण फैलने का खतरा और बढ़ जाता. सरकार की यह रणनीति सभी के हित में है. उन्होंने कहा कि जो लोग विदेशों से आने वाले हैं उन्हें होटल या इस जैसे अन्य स्थानों पर भुगतान कर क्वारंटाइन में रहना होगा.

सूचना एवं जनसंपर्क सचिव ने स्पष्ट किया कि कोटा या अन्य स्थानों से आने वाले बच्चों को उनके घर पर ही क्वारंटाइन में रखा गया है. उन्होंने कहा कि इसी तरह जो लोग अभी विशेष ट्रेन से आ रहे हैं, उन सब की पहले स्क्रीनिंग की गई है और उसके बाद ही उन्हें यात्रा की इजाजत दी गई है, ऐसे लोगों को यहां पहुंचने पर क्वारंटाइन में नहीं रखा जाएगा.

कुमार ने बताया कि प्रखंड स्तर पर बनाए गए 4163 क्वारंटाइन केंद्रों में अभी एक लाख 89 हजार लोग रह रहे हैं. इन सबके लिए वहां रहने, खाने और चिकित्सा की सुविधा उपलब्ध है. उन्होंने बताया कि अब तक देश के अलग-अलग हिस्सों से 161 ट्रेन से करीब दो लाख लोग बिहार लौटे हैं. 13 मई को 25 ट्रेनों से से 34 हजार 629 लोग बिहार पहुंचे और 14 मई को 34 ट्रेनों से 50 हजार 910 लोग यहां पहुंचेंगे. इसके बाद 267 और ट्रेनों का आना तय हुआ है जिसमें चार लाख 27 हजार 200 लोग बिहार आएंगे.

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