लॉकडाउन के दौरान मां की हुई मौत तो बच्चों ने श्राद्ध का भोज रद्द कर बांटे मास्क और मच्छरदानी

जमुई. बिहार के जमुई से एक पॉजिटिव खबर सामने आई है. कोरोनाकाल (Corona Lockdown) में जब एक महिला की मौत हुई तो परिवारवालों ने गांव के लोगों को मृत्यु भोज देने की बजाय महामारी से बचने के लिए मास्क (Corona Mask) और मच्छरदानी बांट कर एक अलग सोच का परिचय दिया. जमुई जिले के झाझा प्रखंड के बाराजोर गांव के एक परिवार के इस पहल की चर्चा पूरे इलाके में हो रही है.

दरअसल बीते दिनों झाझा के बाराजोर गांव के रामदास पासवान की पत्नी 65 वर्षीय मुन्नी देवी की मौत बीमारी के कारण हो गई थी. कोरोनाकाल में नियमो का पालन करते हुए परिवार ने शव का अंतिम संस्कार किया लेकिन श्राद्ध भोज का आयोजन कोविड गाइड लाइन का पालन करते हुए रद्द कर दिया. मुन्नी देवी के श्राद्ध में गांव वालों को भोज नही दिया गया लेकिन परिवार वालो की इच्छा हुई कि श्राद्ध के मौके पर कुछ अलग कर मृत आत्मा को श्रद्धांजलि दिया जाए.

इसके बाद मुन्नी देवी के समधी सरयुग पासवान और घर के युवकों ने निर्णय लिया कि श्राद्ध के भोज के पैसे से महामारी से बचने के लिए मास्क और मच्छर से बचने के लिए मच्छरदानी जरूरतमंदों के बीच बांटा जाए. इस कारण जरूरतमंद 105 लोगों के बीच मास्क और मच्छरदानी बांटने का निर्णय लिया गया लेकिन फिर संख्या बढ़ाकर 250 लोगो को मास्क और मच्छरदानी श्राद्ध के दिन बांटा गया. परिवार के युवक शशिकांत पासवान का कहना है कि नानी के श्राद्ध पर कोविड के कारण भोज का आयोजन रद्द कर दिया गया.

लोगो के बीच मास्क का वितरण कोरोना से बचने के लिए किया गया जबकि जरूरतमंदों के बीच मच्छरदानी देने मे निर्णय इसलिए हुआ कि लोग मच्छरदानी का उपयोग करें क्यों कि इस इलाके में मलेरिया और डेंगू से लोग ज्यादा बीमार होते हैं और लोगों की जान भी चली जाती है.

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