अब मुफ्त में कुछ भी नहीं मिलेगा, मोदी सरकार से बोला सुप्रीम कोर्ट- इसपर रोक लगनी चाहिए

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से चुनावों के दौरान राजनीतिक दलों द्वारा मुफ्त उपहार देने के वादों को रोकने के लिए एक समाधान निकालने पर जवाब मांगा है। मुफ्त उपहारों के वादे करने के खिलाफ यह याचिका भाजपा नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने दायर की है।

शीर्ष अदालत ने केंद्र पर सवाल उठाते हुए कहा कि आप इस मामले में हिचक क्यों रहे हैं। आप एक रुख अपनाएं, आप बताएं कि ये गंभीर मुद्दा है या नहीं। फिर कोर्ट तय करेगा कि इन मुफ्त सुविधाओं को जारी रखा जाना चाहिए या नहीं।

मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की पीठ ने केंद्र सरकार से वित्त आयोग में यह पता लगाने के लिए कहा कि मुफ्त उपहारों को रोकने के लिए क्या राज्यों के राजस्व आवंटन को नियंत्रित किया जा सकता है? क्या ये अर्थव्यवस्था से खिलवाड़ करते हैं? अगली सुनवाई 3 अगस्त को होगी। चुनाव आयोग ने कहा कि इस मामले में केंद्र कानून बना सकता है। अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल केएम नटराज ने कहा, ‘ये ऐसे मुद्दे हैं जिन्हें केवल आयोग द्वारा निपटाया जाना है।’

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