सरसों तेल हुआ सस्ता, आम लोगों को राहत, अब एक लीटर के लिए देना होगा इतना पैसा
लोगों को मिल गई बड़ी खुशखबरी, कम हो गए तेल के दाम, फटाफट जानें नए रेट : हाल के दिनों में तेल की कीमतों में गिरावट देखने को मिली है. इस गिरावट के कारण आम लोगों को थोड़ी राहत जरूर मिली है. आयातित खाद्य तेल कीमतों की भारी गिरावट के बीच दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में बीते सप्ताह देशी तेल-तिलहनों के भाव पहले से भी ज्यादा दबाव में आ गए और लगभग सभी तेल-तिलहनों के दाम पिछले सप्ताहांत के मुकाबले नुकसान दर्शाते बंद हुए. बाजार के जानकार सूत्रों ने कहा कि विदेशों में खाद्य तेलों के दाम में भारी गिरावट आई है और कम आयात शुल्क के कारण देश में इन तेलों का इतना अधिक आयात हो चुका है कि इसके आगे देशी किसानों की सरसों, बिनौला जैसी फसलों की खपत नहीं हो पाएगी.

थोक दाम
अगले कुछेक दिन में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सूरजमुखी फसल बाजार में पूरी तरह से आना शुरू हो जाएगी. आयातित सूरजमुखी तेल का बंदरगाह पर 66 रुपये लीटर का थोक दाम है, उसके आगे तो देशी सूरजमुखी तेल (लगभग 135 रुपये लीटर) कतई खपने की गुंजाइश नहीं है. सरसों किसान एमएसपी से 15-20 प्रतिशत नीचे बेचें और देशी सूरजमुखी बीज 30-35 प्रतिशत नीचे बेचना भी चाहें तो लिवाल नहीं हैं. ऐसी स्थिति कैसे पैदा हुई है इस पर संबद्ध अधिकारियों को विचार करना होगा.
सूरजमुखी तेल
सूत्रों ने कहा कि दिसंबर, 2022 से पहले अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) कम करने के संबंध में तेल उद्योग के साथ सरकार की कई बैठकें हो चुकी थीं. दिसंबर, 2022 में सूरजमुखी तेल का एमआरपी 135-140 रुपये लीटर था. उसके बाद दिसंबर से मई, 2023 के बीच सूरजमुखी तेल के थोक दाम में 530 डॉलर प्रति टन की कमी आई है तो फिर 14 अप्रैल, 2023 को पैकिंग तारीख वाले सूरजमुखी तेल का एमआरपी 196 रुपये कैसे छपा हो सकता है. यहां दाम घटाने के बजाय उल्टा बढ़ा हुआ नजर आता है. इस प्रकरण की छानबीन होनी चाहिए.
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