कोरोना काल में अब ऑनलाइन सब्जी बेच रहे किसान, हो रहा अच्छा मुनाफा

Patna: कोरोना के बीच घर से निकलने पर संक्रमण का खतरा। ऐसे में उपभोक्ताओं को घर बैठे ताजा हरी सब्जियां उपलब्ध कराने का काम कर रहे झंझारपुर के 50 किसान। इसके लिए उपभोक्ताओं को किसानों के वाट्सएप ग्रुप पर आर्डर करना होता है। डिमांड, वजन और पता दर्ज करानी पड़ती है। इसके उपरांत फ्रेश सब्जियां निर्धारित समय में घर पर उपलब्ध हो जाती हैं। ऑनलाइन सब्जी डिलेवरी का यह काम झंझारपुर क्षेत्र के पांच किलोमीटर के दायरे में होता है। 100 से अधिक उपभोक्ता इसका लाभ उठा रहे हैं। इन उपभोक्ताओं के बीच प्रतिदिन करीब एक क्विंटल विभिन्न तरह की सब्जियां उचित कीमत पर उपलब्ध कराई जा रही हैं।

लॉकडाउन के समय बढ़ गई थी परेशानी

कोरोना की शुरुआत होने से बाजार बंद हो गए। बाहर से व्यापारी नहीं आ रहे थे। खेतों में सब्जियां बर्बाद होने लगी थीं। ऐसे समय में झंझारपुर के किसानों ने फसल बर्बाद होने से बचाने के लिए यह तरीका खोज निकाला। गौरीशंकर सिंह किसानों का वाट्सएप ग्रुप चलाते थे। तीन माह पहले इसे उन्होंने सब्जी बेचने के गु्रप में बदल दिया। इससे 50 किसान और 100 से अधिक उपभोक्ता जुड़े हैं। इस ग्रुप पर प्रतिदिन सब्जियों की लिस्ट और रेट डाली जाती है। उपभोक्ता कॉल कर या ग्रुप पर ही जरूरत की सब्जी का आर्डर देते हैं। अधिकतम आधे घंटे में किसान घर पर सब्जी पहुंचा देते हैं।

उपभोक्ता से लेते पांच सौ रुपये अग्रिम राशि

किसान गौरीशंकर सिंह का कहना है कि उपभोक्ताओं को तत्काल सब्जी की कीमत का भुगतान भी नहीं करना पड़ता है। कॉपी पर दिनांक के हिसाब से रुपये दर्ज कर दिए जाते हैं। भुगतान माह पूरा होने पर किया जाता है। ऑनलाइन सब्जी समूह से जुडऩे वाले प्रत्येक उपभोक्ता से पांच सौ रुपये अग्रिम राशि ली जाती है। तैयार फसल किसान ऑनलाइन डिमांड के मुताबिक निकालते।

मांग के अनुसार सब्जियों की खेती

सब्जी किसान सुनील महतो, शिव शंकर सिंह, सुनील सिंह, राम आशीष महतो, संतोष महतो, संतोष यादव और मितन साह ने बताया कि स्थानीय स्तर पर समुचित बाजार नहीं होने से बाहर के व्यापारियों को औने-पौने दाम में फसल बेचनी पड़ती थी। इस व्यवस्था से लाभ हुआ है। अब तो उपभोक्ताओं की मांग का खयाल रखते हुए सीजन के अनुसार सब्जी लगा रहे। शिमला मिर्च की डिमांड पूरी करने के लिए नेट हाउस लगाने की योजना बनाई गई है। उपभोक्ता विनोद गुप्ता, शशिकांत चौधरी, श्रवण कुमार और प्रो. संजीव कुमार झा का कहना है कि सब्जी के लिए मंडी जाने के झंझट से छुटकारा मिल गया है। उचित दाम पर ताजा सब्जियां मिल जाती हैं।

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