नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी पर गहराया संकट, CM नीतीश कुमार की गलती से मान्यता किया जा सकता है रद्द

नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी की मान्यता खतरे में, नहीं मिली 40 एकड़ जमीन; ओपन यूनिवर्सिटी के लिए 40 एकड़ जरूरी, सरकार 10 एकड़ पर ही राजी

नालंदा खुला विश्वविद्यालय बिहार का अकेला ऐसा विश्वविद्यालय है जिसमें दूर शिक्षा के माध्यम से सवा लाख से अधिक विद्यार्थी एनरोल्ड हैं। नालंदा खुला विश्वविद्यालय की स्थापना के वक्त ही तय था कि इसकी स्थापना नालंदा जिले में होगी, जिसके लिए प्रयास तो सालों से चल रहा है। लेकिन प्रयास जमीन पर कुछ माह पहले उतरा।

राज्य सरकार ने 10 एकड़ जमीन का आवंटन कर दिया, जहां काम शुरू भी हो गया है। लेकिन मौजूदा परिस्थितियों के अनुरूप किसी भी दूर शिक्षा संस्थान को 40 एकड़ जमीन पर निर्माण आवश्यक है, जो नालंदा खुला विश्वविद्यालय के पास नहीं है। इसके बाद विवि प्रशासन ने राज्य सरकार को इस मामले की जानकारी दी तो सरकार ने अतिरिक्त जमीन देने से इनकार कर दिया है।

राज्य सरकार के इस इनकार के बाद नालंदा खुला विश्वविद्यालय की मान्यता पर खतरा हो गया है। शिक्षा विभाग ने बिहार स्टेट प्राइवेट यूनिवर्सिटीज एक्ट 2013 का हवाला देते हुए 10 एकड़ से अधिक जमीन देने से मना कर दिया है। वहीं कुलसचिव डॉ. संजय कुमार ने बताया कि नालंदा खुला विश्वविद्यालय की स्थापना ही नालंदा खुला विवि एक्ट के तहत 1987 में हुई थी। इसलिए यह कहीं से प्राइवेट विश्वविद्यालय नहीं है।

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