मैं जनता की ओर से सवाल पूछ रही हूँ और चाहती हूँ कि सरकार मेरे सवालों के जवाब दे

PATNA (NEHA SINGH RATHOUR) : मैं जनता की ओर से सवाल पूछ रही हूँ और चाहती हूँ कि सरकार मेरे सवालों के जवाब दे.लेकिन सरकार बहुत चालाक है. वो नहीं चाहती कि जनता और सरकार के बीच सीधा सवाल-जवाब हो. ऐसे में उसने मेरे विरुद्ध अपने चापलूस चारण कवियों-गायकों की पूरी फौज उतार दी है. चारण कवियों का एक पुराना इतिहास रहा है. ऐसे कवि राजा के चरणों में बैठकर कुछ सिक्कों और इनामों के लिए राजा की तारीफ में कविताएँ लिखते-गाते थे. यही इनकी रोजी-रोटी थी. वक़्त बदल गया, पर ऐसे लोग आज भी मौजूद हैं.

एक लोकगायक/जनकवि का काम जनता की तरफ से सरकार से सवाल पूछना है, जबकि चारण/भाट/दरबारी कवियों का काम सरकार की तरफ से जनता को जवाब देना है. यही हो रहा है.सरकार चाहती है कि जनता मेरे सवालों को भूलकर इन चारण-भाटों की फ़र्ज़ी कविताओं-गीतों में उलझकर रह जाए, और जनता का गुस्सा सरकार की बजाय इन दरबारी गायकों पर निकले.

दरबारी कवियों/चारणों/भाटों का काम अपने हुजूर की तरफ से मुझे जवाब देना है, तो वो भी अपनी सारी मर्यादा भूलकर सरकार की ओर से मुझे जवाब देने में लगे हैं.लोकतंत्र में चुनाव के ठीक पहले का समय ही एकमात्र समय होता है जब सरकारों की पूँछ दबी होती है. यही वो समय होता है जब जनता सरकारों से सवाल पूछकर अपनी नाराज़गी दर्ज करवा सकती है, अपनी जरूरतें बता सकती है और सुधार की कोशिश कर सकती है.

लेकिन इन दरबारी गायकों ने इस संवेदनशील समय और जरूरी मौके पर सरकार की चापलूसी में जनता को भ्रमित कर रखा है. इन चारण कवियों-गायकों ने सरकारी पदों और सरकारी पुरस्कारों की उम्मीद में जनता से धोखाधड़ी की है. इसे याद रखा जाएगा. बाकी सवाल मैं हमेशा सरकारों से ही करूंगी, और जवाब भी मुझे सरकारों से ही चाहिये होगा. इन चारण-भाटों के लिए मेरे मन में सिर्फ दुख है. इन्हें अभी भी नहीं समझ आ रहा कि असली सम्मान किसी ताम्रपत्र या शॉल में नहीं है, असल सम्मान तो जनता के हृदय में जगह पा जाना है.

खैर, Part 3 जल्दी ही आ रहा है. तैयार रहियेगा.

डेली बिहार न्यूज फेसबुक ग्रुप को ज्वाइन करने के लिए लिंक पर क्लिक करें….DAILY BIHAR  आप हमे फ़ेसबुकट्विटरइंस्टाग्राम और Whattsup, YOUTUBE पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं 

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *