कोसी बराज में 62 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज, नेपाल में बारिश से बिहार में बाढ़ का खतरा मंडराया

कोसी बराज में 62 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज, नेपाल में बारिश से बिहार में बाढ़ का खतरा मंडराया : पिछले चार दिनों से नेपाल (Nepal) के कई इलाकों में लगातार बारिश से बिहार की कई नदियों के जलस्तर में वृद्धि होने लगी है. हालांकि प्रदेश की सभी नदियां फिलहाल लाल निशान से नीचे बह रही हैं, पर सूबे में बाढ़ का खतरा (Fear of Flood) मंडराने लगा है. तीन दिनों से लगातार बारिश से बागमती, बूढ़ी गंडक, गंडक के साथ ही अधवारा समूह की नदियों के जलस्तर में कई स्थानों पर बढ़ोतरी हुई है. हालांकि कहीं-कहीं नदियें के जलस्तर में अधिक बदलाव नहीं दिखा, पर पड़ोसी देश में लगातार बारिश से मुश्किलें बढ़ने का अंदेशा है.

नदियों के जलस्तर में हो रही लगातार वृद्धि : लगातार बारिश के कारण मुजफ्फरपुर में बागमती में पानी का स्तर बढ़ने लगा है. शुक्रवार को बेनीबाद में 47.39 मीटर पर पहुंच गया था जबकि यहां खतरे का निशान 48.68 मीटर पर है. रेवाघाट में गंडक नदी गंडक का जलस्तर 53.17 मीटर पर रिकार्ड किया जबकि यहां खतरे का निशान 54.41 मीटर पर है. सिंकदरपुर में बूढ़ी गंडक 46.22 मीटर पर जलस्तर रिकार्ड किया गया जबकि यहां खतरे का निशान 52.53 मीटर है. समस्तीपुर में गंगा व बूढ़ी गंडक में जलस्तर के बढ़ने का सिलसिला जारी है. शुक्रवार दोपहर में गंगा का जलस्तर 42.61 मीटर, बूढ़ी गंडक 37.295 मीटर पर था.

कोसी बराज से पानी डिस्चार्ज करने से बढ़ा जलस्तर : वहीं,कोसी में भी जलस्तर बढ़ता जा रहा है. यही वजह रही कि बराज से शुक्रवार सुबह एक लाख, 62 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया. मधुबनी जिले के कमला, कोसी, बलान एवं अधवारा समूह की सभी नदियां खतरे के निशान से नीचे बह रही हैं. कमला नदी झंझारपुर में खतरे के निशान से करीब 75 सेंटीमीटर नीचे थी. दरभंगा में भी नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है.

मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी की कई नदियों में बढ़ा पानी : मौसम विभाग की ओर से 29 जून तक भारी बारिश के अलर्ट से मुजफ्फरपुर जिले के कटरा, औराई और गायघाट के बाढ़ प्रभावित इलाके के लोग चिंता में हैं. वहीं, सीतामढ़ी में बागमती व अधवारा समूह की नदियों के जलस्तर में वृद्धि हुई है. हालांकि मधुबनी जिले के कमला, कोसी, बलान एवं अधवारा समूह की सभी नदियां खतरे के निशान से नीचे बह रही हैं.

चंपारण की नदियों के जलस्तर में भी हो रही वृद्धि : उधर शुक्रवार को वाल्मीकिनगर बराज से सुबह दस बजे 82300 क्यूसेक पानी गंडक में छोड़ गया. लगतार हो रही बारिश से नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है. सिकरहना व पंडई नदियों के जलस्तर में भी बढ़ोत्तरी हो रही है.बगहा में बारिश से नदियों के जलस्तर में वृद्धि जारी है. गंडक का जलस्तर खतरे के निशान 70.04 मीटर करीब पांच मीटर कम था.आपदा बाढ़ नियंत्रण सेल ने गंडक व बूढ़ी गंडक का जलस्तर स्थिर बताया है.

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