बीजेपी विधायक दल में लिया गया फैसला, कर्नाटक के नए सीएम के रूप में शपथ लेंगे बसवराज एस बोम्मई

येदियुरप्पा कर्नाटक के प्रभावशाली लिंगायत समुदाय से आते हैं। राज्य के गृह मंत्री बसवराज एस बोम्मई, राजस्व मंत्री आर अशोक और उपमुख्यमंत्री सीएन अश्वत्थ नारायण के नाम भी चर्चा में थे।

कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री बसवराज एस बोम्मई होंगे। बेंगलुरु के होटल कैपिटल में शाम 7 बजे बीजेपी विधायक दल की बैठक में चुना गया। बी एस येदियुरप्पा ने सोमवार को ही इस्तीफा दे दिया था। बोम्मई आज शपथ लेंगे।
उत्तरी कर्नाटक से आने वाले लिंगायत नेता बोम्मई को कार्यवाहक मुख्यमंत्री येदियुरप्पा का भी समर्थन था। बसवराज बोम्मई पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत एस आर बोम्मई के पुत्र हैं। बोम्मई (61) येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली सरकार में गृह, कानून, संसदीय एवं विधायी कार्य मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। सोमवार को येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
येदियुरप्पा कर्नाटक के प्रभावशाली लिंगायत समुदाय से आते हैं। बसवराज बोम्मई को कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री के रूप में नामित किया गया। बोम्मई को बी एस येदियुरप्पा का विश्वासपात्र माना जाता है। राज्य के गृह मंत्री थे। 2008 में भाजपा में शामिल हुए बोम्मई सदर लिंगायत समुदाय से हैं। उनके पिता एसआर बोम्मई ने 1980 के दशक में कर्नाटक के सीएम के रूप में भी काम किया था।

बैठक के बाद भाजपा के केंद्रीय पर्यवेक्षक धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, ‘वरिष्ठ नेता बी एस येदियुरप्पा ने नए नेता के नाम का प्रस्ताव रखा और गोविंद करजोल, आर अशोक, के एस ईश्वरप्पा, बी श्रीरामुलु, एस टी सोमशेखर, पूर्णिमा श्रीनिवास ने इसका अनुमोदन किया तथा पार्टी के नवनिर्वाचित नेता व नए मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई होंगे।’
घोषणा के तुरंत बाद बोम्मई ने येदियुरप्पा से आशीर्वाद मांगा और अन्य पार्टी नेताओं ने उन्हें बधाई दी। नया नेता चुनने के लिये विधायक दल की बैठक शहर के एक होटल में हुई और इस दौरान भाजपा संसदीय बोर्ड की तरफ से नियुक्त केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान व जी किशन रेड्डी भी मौजूद थे।

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और कर्नाटक प्रभारी अरुण सिंह, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नलिन कुमार कतील और राष्ट्रीय महासचिव सी टी रवि समेत कई अन्य नेता भी इस दौरान मौजूद थे। अपनी ‘बेदाग और गैर-विवादास्पद’ छवि के लिये चर्चित बोम्मई को येदियुरप्पा का करीबी माना जाता है।
येदियुरप्पा ने सोमवार को मुख्यमंत्री के रूप में अपने दो साल का कार्यकाल पूरा किया। इस अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने अपने इस्तीफे की घोषणा की थी। इसके बाद उन्होंने राज्यपाल थावरचंद गहलोत से राजभवन में मुलाकात की और उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *