बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में नए मॉडल के EVM से डाले जाएंगे वोट, जानें खूबियां
Patna: बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार चुनाव नए प्रकार की इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) से कराया जाएगा. इस ईवीएम को एम-3 (M-3) नाम दिया गया है. बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एचआर श्रीनिवास ने राज्य के सभी जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी को इस बाबत निर्देश जारी कर दिया है. केंद्रीय चुनाव आयोग ने पूरी जांच के बाद इसके इस्तेमाल को मंजूरी दी है. विदित हो कि अब तक ईवीएम के मॉडल 2 (एम-2) से चुनाव होते आए हैं.
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश (UP), मध्य प्रदेश (MP) व आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) से नई इवीएम मंगाई जा रही है. वहां इनके माध्यम से चुनाव कराए जा चुके हैं. साल 2019 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) के दौरान यूपी में इसी नई मशीन का प्रयोग किया गया था. इसमें 384 प्रत्याशियों की जानकारी एकत्र की जा सकती है.
चुनाव के बाद हार की ठीकरा ईवीएम पर फोड़ने व चुनावी धांधली के आरोप लगाए जाते रहे हैं. नई ईवीएम से ऐसी शिकायतें कम होंगी. इस ईवीएम की चिप की प्राेग्रामिंग केवल एक बार ही की जा सकती है. साथ ही चिप के सॉफ्टवेयर को पढ़ा नहीं जा सकता है. इसे इंटनेट या किसी अन्य नेटवर्क से जोड़ना भी संभव नहीं. अगर इससे किसी तरह की छेड़छाड़ की गई तो मशीन ऐसा करने वाले की फोटो खींच कर बंद हो जाएगी.
नई मशीन के प्रयोग से वोट किसी को देने और पर्ची किसी अन्य का निकलने की शिकायतें रुकेंगी. ईवीएम का बटन दबाने पर उसके साथ जोड़ गए वीवीपैट (VVPAT) अर्थात् (Voter Verifiable Paper Audit Trail) से कागज की एक पर्ची निकलती है. इस पर्ची पर उस प्रत्याशी का नाम और चुनाव चिन्ह होता है, जिसे वोट दिया जाता है. यह पर्ची वीवीपैट में करीब 10 सेकेंड तक दिखती है. इस व्यवस्था से मतगणना के दौरान शिकायत मिलने पर पर्ची से मिलान संभव होगा.