बिहार में बदला जमीन बंटवारा कानून, भाई-भाई में पुश्तैनी खेत पर विवाद खत्म करने के लिए नया फैसला

परिवार में सर्वसम्मति बनाने की नहीं होगी जरूरत, बहुमत से भी होगा संपत्ति का बंटवारा, दाखिल खारिज के आवेदन वैध कारण बिना खारिज नहीं होंगे : पारिवारिक संपत्ति विवाद के निपटारे के लिए राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत राज्य में संपत्ति का बंटवारा अब बहुमत के आधार पर भी हो सकता है। इसके लिए परिवार में सर्वसम्मति बनाने की जरूरत नहीं होगी। कानूनी बंटवारे में तो यह व्यवस्था पहले से है। लेकिन, सरकर अब खानगी (पंचायत आधारित) बंटवारा में भी यह व्यवस्था करने जा रही है। लेकिन शर्त यही होगी कि पंचों में पंचायत प्रतिनिधियों का होना जरूरी होगा। बंटवारे की व्यवस्था में न्यायमित्र को भी रखा जाएगा ताकि कोई कानूनी अधिकार से वंचित नहीं हो सके। राजस्व व भूमि सुधार मंत्री राम सूरत कुमार ने बुधवार को विधान परिषद में रामचन्द्र पूर्वे के अल्पसूचित प्रश्न के जवाब में यह जानकारी दी।

व्यवस्था जल्द लागू होगी: मंत्री ने कहा कि यह व्यवस्था जल्द लागू हो जाएगी। इसपर काम हो रहा है। कहा कि दाखिल खारिज का आवेदन किस स्थिति में अस्वीकृत करना है, इसकी सूची अंचल कार्यालयों को दी गई है। इससे अलग हटकर कोई आवेदन निरस्त नहीं कर सकता है। इन वैद्य कारणों में ही किसी का या अधिक का चयन कारण के रूप में करना होगा।

तकनीकी अड़चनों को दूर कर अंतिम निर्णय

मंत्री ने कहा कि अगर तीन भाइयों में कोई एक बंटवारा नहीं चाहता है, तो ऐसी स्थिति में बहुमत के आधार पर बंटवारा हो जाएगा। लेकिन, उन्हें नोटिस दी जाएगी। नोटिस मिलने के बाद भी नहीं आये तो सभी प्लॉट में से उनका हिस्सा निकाल दिया जाएगा। लेकिन इस प्रारूप को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है।

62.5 लाख मामलों का हुआ निष्पादन

मंत्री ने कहा कि दाखिल खारिज के 72 लाख 28 हजार 241 आवेदनों में 62 लाख 48 हजार 335 का निष्पादन कर दिया गया है। शेष के निष्पादन की प्रक्रिया चल रही है। इसी प्रकार परिमार्जन पोर्टल पर 16 लाख 75 हजार 498 आवेदन मिले हैं। 14 लाख 68 हजार 766 का निष्पादन कर दिया गया है।

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