21 साल से कम उम्र की लड़कियों की शादी करने पर जाना होगा जेल, PM मोदी ने बदला शादी—विवाह कानून

PATNA – लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र21 होगी…इससे पहले 1978 में हुआ था विवाह कानून में संशोधन, 18 से 21 वर्ष के बीच विवाह करने वाली लड़कियां 16 करोड़, विवाह की उम्र में बदलाव के लिए टास्क फोर्स ने की थी 4 कानूनों में संशोधन के साथ सभी धर्मों पर समान रूप से लागू करने की सिफारिश

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को दो बड़े सुधारों से जुड़े विधेयकों को मंजूरी दे दी। पहला बड़ा सुधार लड़कियों के विवाह की उम्र से जुड़ा है। कैबिनेट ने लड़कों और लड़कियों के लिए विवाह की न्यूनतम उम्र एक समान यानी 21 वर्ष करने के विधेयक को मंजूरी दे दी है। यह कानून लागू हुआ तो सभी धर्मों और वर्गों में लड़कियों के विवाह की न्यूनतम उम्र बदल जाएगी। वहीं, चुनाव सुधारों से जुड़े विधेयक को भी मंजूदी दे दी गई है। इस विधेयक के संसद से पास होने पर वोटर आईडी को आधार कार्ड से जोड़ने के साथ ही नए वोटरों को रजिस्ट्रेशन के ज्यादा मौके मिलेंगे। माना जा रहा है कि ये दोनों विधेयक संसद के मौजूदा सत्र में ही पेश किए जाएंगे। यह दोनों ही सुधार अपने आप में क्रांतिकारी माने जा रहे हैं। लड़कियों और लड़कों के विवाह की न्यूनतम उम्र एक समान करने की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2020 में लालकिले से अपने संबोधन के दौरान की थी। वहीं, चुनाव सुधारों का मुद्दा चुनाव आयोग काफी समय से उठाता आ रहा है।

टास्कफोर्स ने शादी की उम्र समान 21 साल रखने को लेकर 4 कानूनों में संशोधनों की सिफारिश की है। युवतियों की न्यूनतम उम्र में आखिरी परिवर्तन 1978 में किया गया था और इसके लिए शारदा एक्ट 1929 में परिवर्तन कर उम्र 15 से 18 की गई थी।

यूनीसेफ के अनुसार भरत में हर साल 15 लाख लड़कियों की शादी 18 साल से कम उम्र में हो होती है। जनगणना महापंजीयक के मुताबिक देश में 18 से 21 साल के बीच विवाह करने वाली युवतियों की संख्या करीब 16 करोड़ है।

लड़कियों के विवाह की न्यूनतम उम्र पर विचार के लिए जया जेटली की अध्यक्षता में एक टास्कफोर्स का गठन किया गया था जिसने अपनी रिपोर्ट पिछले साल दिसम्बर में नीति आयोग को सुपुर्द की थी। टास्कफोर्स ने युवतियों की विवाह की उम्र बढ़ाकर 21 वर्ष करने का पूरा रोल आउट प्लान सौंपा था और इसे समान रूप से पूरे देश में सभी वर्गों पर लागू करने की मजबूत सिफारिश की है। मोदी सरकार के कार्यकाल में विवाह के संबंध यह दूसरा बड़ा सुधार है जो समान रूप से सभी धर्मो के लिए लागू होगा। इससे पहले एनआरआई मैरिज को 30 दिन के भीतर पंजीकृत कराने का बड़ा कदम उठाया गया

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