खुशखबरी : बिहार के 2900 पंचायतों में खुलेंगे नए प्लसटू स्कूल, तैयारियां तेज

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य की सभी ग्राम पंचायतों में प्लस टू स्कूल खोलकर ही दम लेंगे। बिहार की सभी लड़कियां कम-से-कम इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई अवश्य करें, इसी मकसद से सभी पंचायतों में प्लस टू स्कूल स्थापित करने का निर्णय हमलोगों ने लिया था। अभी पांच हजार से अधिक पंचायतों में प्लस टू स्कूल स्थापित कर दिए गए हैं, जबकि पहले आधे से अधिक पंचायतों में हाईस्कूल भी नहीं थे।

राज्य की करीब 2900 पंचायतों में 1 अप्रैल 2020 से नए प्लसटू स्कूल अस्तित्व में आ जाएंगे। इन स्कूलों में नये सत्र की शुरुआत 9वीं कक्षा की पढ़ाई से होगी। शिक्षा विभाग ने इसको लेकर तैयारियां तेज कर दी हैं। जिन पंचायतों में पहली बार अगले सत्र से 9वीं की पढ़ाई आरंभ होगी, वह हाईस्कूल विहीन हैं। हालांकि इनकी वास्तविक संख्या कितनी है इसको लेकर सही आंकड़े अगले दो-तीन दिनों में शिक्षा विभाग जुटा लेगा। फिर यहां चिह्नित 75 डिसमिल जमीन वाले मध्य विद्यालय प्लसटू में अपग्रेड होंगे।

गौरतलब हो कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने तय किया है कि अप्रैल 2020 तक राज्य में एक भी पंचायत बिना प्लसटू स्कूल के नहीं रहेगी। फिलहाल जिन पंचायतों में प्लसटू स्कूल नहीं हैं, वहां के बच्चे 9वीं से 12वीं तक की पढ़ाई के लिए दूसरी पंचायत के हाईस्कूलों में जाने को मजबूर हैं। राज्य सरकार ने 2012 में सभी पंचायतों में हाईस्कूल खोलने का निर्णय लिया था। 5 जुलाई 2013 को विभाग ने इस बाबत सूचना जारी की। इसके बाद बड़ी संख्या में मध्य विद्यालय प्लसटू में अपग्रेड किये गये। हालांकि यह दीगर है कि इनमें से ज्यादातर विद्यालयों में शिक्षक नहीं हैं और कई में कक्षाएं भी नहीं आरंभ हुई हैं। बहरहाल अब सरकार ने सभी पंचायतों को प्लसटू विद्यालय के लिए कवायद शुरू की है। यहां 9वीं से कक्षाएं आरंभ होंगी और हर साल एक अगली कक्षा आरंभ कर 12वीं तक की पढ़ाई की सुविधा दी जाएगी। .

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काम अंतिम चरण में बैठक में बीईपी और जिलों की रिपोर्ट का मिलान देर शाम तक किया गया। सहायक निदेशक अमित कुमार ने कहा कि जल्द ही प्लसटू विहीन पंचायतों की सूची इकट्ठी हो जाएगी। काम अंतिम चरण में है। 9वीं की पढ़ाई आरंभ करने के लिए दो कमरों, शौचालय एवं पेयजल सुविधा की आवश्यकता होगी।

दो माह से राज्य की प्लसटू विहीन पंचायतों की खोज हो रही, अभी तक पूरी नहीं हुई शिक्षा विभाग पिछले दो माह से राज्य के प्लसटू विहीन पंचायतों की खोज कर रहा है। जिलों को कई बार ऐसी पंचायतों के नाम और ऐसे मध्य विद्यालय को चिह्नित कर ब्योरा भेजने को कहा गया था, जिन्हें प्लसटू में अपग्रेड किया जा सके। जिलों की काहिली से नाराज शिक्षा विभाग ने राज्य मुख्यालय से बिहार शिक्षापरियोजना परिषद (बीईपी) की टीम भेजकर सर्वे कराया। मंगलवार को सभी डीपीओ माध्यमिक शिक्षा को रिपोर्ट के साथ विभाग में तलब किया गया। उच्चस्तरीय बैठक को माध्यमिक निदेशक गिरिवर दयाल और बीईपी निदेशक संजय सिंह ने भी संबोधित किया।


शिक्षा विभाग ने पटना जिले के दो मध्य विद्यालयों को उच्च माध्यमिक विद्यालय (प्लस टू) में अपग्रेड कर दिया है। सम्पतचक प्रखंड के चिपुरा पंचायत में चैनपुर महादलित टोला का मध्य विद्यालय एवं रामपुर फरीदपुर पंचायत में पसही महादलित टोला के मध्य विद्यालय को अपग्रेड किये जाने की अधिसूचना मंगलवार को माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने जारी कर दिया। पटना के डीएम की अध्यक्षता वाली समिति से प्राप्त प्रस्ताव के आधार पर दोनों स्कूल अपग्रेड किये गये हैं। निदेशालय के अवर सचिव ने पटना के डीईओ को निर्देश दिया है कि शैक्षिक सत्र 2020-21 से इन दोनों उच्च माध्यमिक विद्यालयों में नौवीं की पढ़ाई सुनिश्चित करें।

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