कोरोना में महंगाई की मार, नवरात्र और रमजान शुरू होते की फलों की कीमतें 30% तक बढ़ीं

नवरात्र और रमजान के शुरू होते ही राजधानी की फल मंडियों में उछाल आ गई है। फलों की कीमतें 30 फीसदी तक बढ़ गई हैं। कारोबारियों के मुताबिक कीमतों में वृद्धि का कारण दूसरे राज्यों से आने वाले फलों के उत्पादन में कमी से डिमांड के मुताबिक सप्लाई नहीं होना है। हालात यह है कि इस बार सप्लाई नहीं होने से बाजार में संतरा नहीं बराबर है। जो थोड़ा बहुत संतरा बिक रहा है वह कोल्ड स्टोर का माल है। इसी तरह बेमौसम की बारिश से फसल को हुए नुकसान की वजह से महाराष्ट्र से आने वाला अंगूर और आंध्रप्रदेश से आने वाले पपीते की सप्लाई में भी कमी आई है।

जो पपीता आमतौर पर आंध्रप्रदेश की मंडियों में 8-10 रुपए प्रतिकिलो की दर से बिकता था उसकी कीमत 17-20 रुपए हो गई है। पटना फ्रूट एवं वेजिटेबल एसोसिएशन के अध्यक्ष शशिकांत प्रसाद पप्पू ने बताया कि उत्पादन कम होने से दूसरे राज्यों से आने वाले फलों की सप्लाई डिमांड से काफी कम है जिसकी वजह से कीमतों में उछाल आया है। पर कीमतों के बढ़ने के बावजूद व्यवसाइयों की कमाई में कोई अंतर नहीं आया है।

विभिन्न फलों की थोक और खुदरा कीमत (रुपए/किलो) फल थोक कीमत खुदरा कीमत
सेव 120-140 160-200
संतरा 100-120 160-180
केला 30-35/दर्जन 40-50/दर्जन
तरबूज 17-20 25-30
पपीता 25-30 35-40
अंगूर 60-80 100-120
अनार 120-150 200-250
मौसमी 40-45 60-80

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