मिथिलावासियों को सौगात, निर्मली-सुपौल के बीच 86 साल बाद चली ट्रैन

बिहार के कोसी का वो इलाका जहां सालों साल से रेलवे का संपर्क टूट गया था. जहां के लोगों ने पिछले 86 सालों में अपने गांव में रेलगाड़ी तक नहीं देखी थ, जिन्होंने साल 1934 में वो त्रासदी भी झेली है जिसने कोसी के निर्मली को रेलवे के नक्शे से बाहर कर दिया लेकिन जब 86 साल बाद फिर से निर्मली में ट्रेन पहुंची तो गांववालों की खुशी देखने लायक थी. क्या बच्चे या क्या बूढ़े गांव की महिलाएं भी बैंड बाजों पर झूमने नाचने लगीं.

वाकई नजारा बेहद अद्भुत था. स्पेशल ट्रेन की एक झलक पाकर सब झूमने लगे थे. पूछने पर सबने यही कहा कि सपना हमारा साकार हो गया. ये तस्वीर केवल निर्मली की नहीं थी बल्कि सुपौल से लेकर निर्मली तक का कुछ इसी तरह का नजारा थ. ट्रेन जिस स्टेशन से होकर गुजरती लोग ट्रेन के साथ दौड़ने लगते.

लोगों के अंदर खुशियां ऐसी थी मानों वो कोई उत्सव मना रहे हों. न्यूज 18 भी इस यादगार लम्हे का गवाह बना. हमने देखा कि किस तरह से गांव वालों का जब सपना पूरा होते दिखाई पड़ने लगा तो वो एक दम से झूम उठे. दरअसल निर्मली-सुपौल रेल मार्ग पर 86 साल बाद इलाके के लोगों ने रेलगाड़ी नजदीक से देखी थी. महिलाएं बच्चे और बुजुर्ग सभी ट्रेन को देखकर उत्साहित थे. जैसे ही जीएम स्पेशल ट्रेन निर्मली स्टेशन पहुंची तो लोगों का उत्साह इतना बढ़ गया कि लोग बैंड बाजों पर नाचने लगे.

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