नीतीश सुशासन में बिजली संकट खत्म, बाढ़ बिजलीघर की 71 फीसदी बिजली अब बिहार को मिलेगी

PATNA : बाढ़ बिजलीघर की 71 फीसदी बिजली बिहार को मिलेगी। स्टेज-1 और स्टेज-2 दोनों में बिहार के कोटे में बढ़ोतरी के कारण बिहार की हिस्सेदारी बढ़ी है। पहला बिहार को यहां से मात्र 38 फीसदी बिजली ही मिलनी थी।

इस प्रकार 3300 मेगावाट क्षमता की बाढ़ बिजलीघर से बिहार को 2223 मेगावाट बिजली मिलेगी। बाढ़ में अाेडिशा, झारखंड और सिक्किम की भी हिस्सेदारी है। बिहार को बाढ़ बिजलीघर से फिलहाल स्टेज-2 से 1320 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। इसमें बिहार को 1025 मेगावाट बिजली मिल रही है। पिछले दिनों स्टेज-1 की पहली यूनिट चालू हुई है। यहां से बिहार को दिसंबर से 341 मेगावाट बिजली मिलेगी। ऐसे में इस साल के अंत तक बिहार को यहां से 1366 मेगावाट बिजली मिलने लगेगी। तीसरी यूनिट के चालू होते ही अगस्त 2021 से बाढ़ बिजलीघर से बिहार को उसका पूरा कोटा मिलने लगेगा और यहां से बिहार को 2223 मेगावाट बिजली मिलेगी।

बाढ़ में दो चरणों में 660 मेगावाट क्षमता की पांच यूनिट स्थापित होनी है। पहले स्टेज में 660 मेगावाट की तीन यूनिट है जबकि स्टेज-2 में 660 मेगावाट की दो यूनिट स्थापित होनी है। स्टेज-2 की दोनों यूनिट चालू हो चुकी है जबकि स्टेज-1 की पहली यूनिट पिछले दिनों चालू हुई है। बिहार का कोटा दोनों स्टेज में बढ़ाया गया है। पहले स्टेज-1 में 26.42 फीसदी जबकि स्टेज-2 में 50 फीसदी बिजली बिहार को मिलनी थी। नए प्रावधान में सेटेज-1 में बिहार का कोटा लगभग दोगुना हो गया है जबकि स्टेज-2 में बिहार का कोटा 40 फीसदी बढ़ाया गया है।

बिहार बाढ़ बिजलीघर में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार से लगातार प्रयास करता रहा है। ऊर्जामंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने तत्कालीन केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री सुशील कुमार शिंदे को कई बार पत्र भी लिखा। इसके बाद उन्होंने एनडीए सरकार के केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से भी कई अवसरों पर अनुरोध किया। मौजूदा केन्द्रीय ऊर्जामंत्री आरके सिंह से भी उन्हें बाढ़ में हिस्सेदारी बढ़ाने का अनुरोध किया था।

स्टेज-1 की पहली यूनिट पिछले दिन 14 अगस्त को बनकर तैयार हुई। लंबी जद्दोजहद के बाद स्टेज-1 की पहली यूनिट तैयार हो पाई है। इस अवसर पर क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक (पूर्वी-1) एस. नरेन्द्र, कार्यपालक निदेशक असित कुमार मुखर्जी परियोजना स्थल पर मौजूद थे। उन्होंने बिजलीघर निर्माण में जुटे इंजीनियरों-कर्मियों को बधाई भी दी।

बाढ़ की बिजली अपेक्षाकृत सस्ती | बाढ़ बिजलीघर में बिहार की हिस्सेदारी बढ़ने से भविष्य में बिजली की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने में सुविधा होगी। यहीं नहीं बाजार पर निर्भरता भी कम होगी। बाजार से महंगी बिजली नहीं लेनी होगी। बाढ़ की बिजली अपेक्षाकृत सस्ती है। यह अन्य सरकार बिजलीघरों से भी कम कीमत पर उपलब्ध है। प्राइवेट सेक्टर में भी इससे महंगी बिजली ही मिल रही है। बिहार को प्रत्यक्ष लाभ हाेगा।

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