नीतीश को CM बनाने का ऐलान, BJP ने कहा— बिहार के युवाओं को देंगे 19 लाख नौकरी

बिहार बीजेपी के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ एनडीए की जीत का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कल्याणकारी योजनाओं को दिया और कहा कि सत्ताविरोधी लहर को झुठलाकर नीतीश कुमार सरकार को चौथे कार्यकाल के लिए जनादेश मिला है। उन्होंने स्पष्ट किया कि कुमार बिहार में एनडीए सरकार के मुखिया बने रहेंगे। जायसवाल के मुतािक, बीजेपी और जेडीयू के बीच सीटों की संख्या में अंतर से राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

यह पूछने पर कि क्या नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने रहेंगे तो जायसवाल ने कहा, निश्चित तौर पर, सौ फीसदी। उन्होंने कहा कि हम सहयोगी हैं और बराबर हैं। हमें मिलकर बिहार चलाना है। जायसवाल ने कहा कि चौथी बार चुनाव जीतना किसी के लिए भी बड़ा काम है। हमने जीत हासिल की है। यह साबित करता है कि हर चीज ठीक है। लगातार चौथी बार जीत हासिल करना दुर्लभ है। हमने ऐसा किया है।

यह पूछने पर कि कड़े मुकाबले वाले चुनाव में एनडीए के पक्ष में जनता का रुझान कैसे बना रहा तो उन्होंने कहा कि यह गरीबों के लिए मोदी सरकार के कल्याणकारी कार्यक्रमों की बदौलत हुआ। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने गरीबों के लिए जो किया है… उन्होंने उन्हें बिजली, गैस सिलेंडर और शौचालय दिए। कोरोना वायरस फैलने के बाद उन्हें आठ महीने तक मुफ्त राशन दिया गया । ये बड़े कारण रहे।

चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी द्वारा एनडीए को किए गए नुकसान के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि एलजेपी ने कई सीटों पर भाजपा को भी नुकसान पहुंचाया। जायसवाल ने दावा किया कि अगर एलजेपी नहीं होती तो बीजेपी ने आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को राघोपुर विधानसभा क्षेत्र में भी हरा दिया होता। बहरहाल, उन्होंने कहा कि एलजेपी बड़ा कारक नहीं रहा बल्कि बीजेपी और जेडीयू दोनों के बागी कारण रह, जिन्होंने राज्य में कई सीटों पर एनडीए की संभावना को नुकसान पहुंचाया।

यह पूछने पर कि क्या सत्तारूढ़ गठबंधन में एलजेपी को जगह मिलेगी तो उन्होंने कहा कि यह बीजेपी का संसदीय बोर्ड तय करेगा, जो भगवा दल का शीर्ष निकाय है। बहरहाल, उन्होंने कहा कि बिहार में एनडीए का मतलब है बीजेपी, जेडीयू, विकासशील इंसान पार्टी और जीतन राम मांझी की हम (एस)। 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में सत्तारूढ़ गठबंधन को 125 सीटें हासिल हुईं, जबकि विपक्षी महागठबंधन को 110 सीटें मिलीं। सभी दलों में सफलता का प्रतिशत सबसे अच्छा बीजेपी का रहा, जिसने 110 सीटों पर चुनाव लड़कर 73 सीटों पर जीत दर्ज की। सहयोगी वीआईपी और हम (एस) ने चार-चार सीटों पर जीत दर्ज की।

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