फेल हुआ नीतीश बाबू का सुशासन सरकार, 15 नंबर पर पहुंचा बिहार

बिहार (Bihar) की राजनीति में सत्ता पक्ष की ओर से सबसे अधिक कोई बात कही जाती है तो वह विपक्ष के ‘जं-गल राज’ की तुलना वर्तमान के ‘सुशासन’ के दावे की है. हालांकि भारत सरकार के कार्मिक मंत्रालय द्वारा जो सूची जारी की गई है उसके अनुसार बिहार पूरे देश में 15वें पायदान पर है. वहीं, झारखंड 18वें स्थान पर है. केंद्र सरकार द्वारा जारी सूची पर अब बिहार की सियासत गरमा गई है.

न्यूज़ 18 में रवि एस नारायण की रिपोर्ट के अनुसार कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी सूची में तमिलनाडु पहले पायदान पर है, वहीं महाराष्ट्र दूसरे जबकि कर्नाटक को तीसरे नंबर पर है. जबकि आंध्र प्रदेश पांचवें, गुजरात 6वें, हरियाणा 7वें और केरल 8वें,मध्य प्रदेश नौंवें, पश्चिम बंगाल 10वें, तेलंगाना 11वें, राजस्थान 12वे, पंजाब 13वें, ओडिशा 14वें, बिहार15वें, गोवा 16वें, उत्तर प्रदेश 17वें और झारखंड 18वें स्थान पर रहे. केंद्र शासित प्रदेशो में पुड्डुचेरी पहले नंबर पर है.

कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी सुशासन सूचिकांक पर बिहार की राजनीति गर्म हो गई है. विपक्ष इसे जहां नीतीश कुमार की विफलता मानती है वहीं जदयू ने इस सूचिकांक पर ही सवाल खड़ा कर दिया है. आरजेडी प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दावे पर ही सवाल खड़े करते हुए कहा है कि नीतीश कुमार की सुशासन की पोल खुल गई है. उनके सहयोगी दल ने ही तथाकथित सुशासन की पोल खोली है इसलिए उनको सत्ता में बने रहने का कोई हक नहीं है.

दूसरी तरफ कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि नीतीश कुमार के 15 साल के शासन की पोल खुल गई है. नीतीश कुमार सिर्फ प्रचार के बूते सुशासन का तमगा लिए हुए थे.

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