नीतीश कुमार ने जातीय जनगणना के मसले पर पीएम को लिखा पत्र, मिलने के लिए मांगा समय

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जातिगत जनगणना के मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का समय मांगा है। पत्रकारों से बात करते हुए मुख्‍यमंत्री ने कहा कि इस संबंध में एक पत्र भेजा हैं, लेकिन समय मिलेगा तब न। पेगासस जासूसी मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के मुद्दे पर नीतीश ने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट में कोई मामला हैं, तो सोचना क्या है। सुप्रीम कोर्ट इस मसले को देख रहा हैं तो फ़ैसला करेगा ही। जेडीयू के सांसदों के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने के सवाल पर नीतीश ने कहा कि हमारे पार्टी के सांसदों ने लिखकर दिया, वही अमित शाह जी से भी उन लोगों ने बात की है और अपना पक्ष रखा है।

विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान राजद, कांग्रेस, भाकपा माले, भाकपा व माकपा के नेताओं ने मुख्यमंत्री से मिलकर जातीय जनगणना कराने के सवाल पर प्रधानमंत्री से मिलने के लिए दिल्ली चलने का आग्रह किया था। मुख्यमंत्री ने कहा था कि वे इस बारे में पहल करेंगे। विधानसभा से दो बार सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित हो चुका है, जिसमें भाजपा भी शामिल रही है।इसके साथ ही सीएम ने कहा, कि इस मसले पर क्‍या करना है, क्‍या नहीं करना है, यह तो केंद्र सरकार के ऊपर निर्भर है। इसलिए मिलने से मुझे नहीं लगता कि किसी को ऐतराज होना चाहिए। जो भी बात होगी, बाद में सामने आएगी।’

इस सवाल पर कि बीजेपी का मानना है इससे सामाजिक तनाव होगा, नीतीश कुमार ने कहा कि यह बिल्‍कुल गलत बात है। कोई तनाव नहीं है। समाज में खुशी होगी, यह अच्‍छी तरह जान लीजिए कि सभी तबके के लोगों का जातिगत जनगणना से सबका सैटिस्फैक्शन होगा। जातीय जनगणना तथा पेगासस कांड पर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की सक्रियता से जुड़े सवाल पर उन्होंने हंसते हुए कहा-’अरे, चलिए न सबका अपना-अपना काम है।’

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