फिर से BJP के साथ बेवफाई कर सकते है नीतीश कुमार

PATNA: दिल्ली में चुनाव संपन्न होते ही राजनीतिक दलों की नजरें अब बिहार पर जा टिकी हैं. वहां इस साल के अंत में अक्टूबर-नवंबर में विधान सभा चुनाव होने वाले हैं. हालांकि, बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए चुनाव लड़ेगा.

नीतीश कुमार भी बीजेपी गठबंधन से सहज महसूस कर रहे हैं. संभवत: यही वजह है कि उनकी पार्टी जेडीयू में जो भी बीजेपी के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले नेता थे, उन्हें नीतीश ने पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है.

इस बीच कई राजनेता इस बात के दावे कर रहे हैं कि विधान सभा चुनाव से पहले बिहार में फिर से नए समीकरण बन सकते हैं. नेताओं का साफ इशारा था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार फिर से बीजेपी को छोड़कर राजद के साथ आ सकते हैं. महा ग’ठ’बंधन में नीतीश के लौटने का कांग्रेस वि/रो’ध नहीं करेगी जबकि राजद अध्यक्ष लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव नीतीश की गठबंधन में वापसी के खिलाफ हैं.

इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित ‘देल्ही कॉ’न्फिडें’शियल’ के मुताबिक, ऐसी सूरत में कई विपक्षी नेता मामले में लालू प्रसाद से दखल देने की गुजारिश करने और उनके मन की बात जानने का प्लान बना रहे हैं. इस संदर्भ में यह भी चर्चा है कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से कुछ नेताओं ने रिम्स में इलाज करवा रहे लालू प्रसाद से मुलाकात पर लगी पाबंदी में ढील देने की गुजारिश की है, ताकि अधिक से अधिक नेता उनसे मिलकर बिहार में बीजेपी विरोधी गठबंधन बनाने में उनसे सलाह-मशविरा कर सकें.

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