नीतीश सरकार नहीं दे पाई रोजगार, रोजी-रोटी की तलाश में फिर से परदेस लौटने लगे बिहारी मजदूर

PATNA : बिहार में जारी कोरोना के कहर के बीच अब पलायन की तस्वीरें सामने आने लगी हैं. कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन के बाद पूरे देश के अलग-अलग हिस्सों से श्रमिक अपने अपने घर लौटे थे लेकिन लॉकडाउन के बाद बिहार में काम न मिलने और आमदनी बंद हो जाने के कारण उनके खाने तक के लाले पड़ गए हैं. इस कारण पूरे देश से अलग-अलग राज्यों में मजदूरों का पलायन शुरू हो गया है. दरअसल सरकार ने दावा भी किया था कि घर लौटे सभी श्रमिको को उनके घर मे ही काम दिए जाएंगे, मगर ऐसा कुछ हो न सका और यही कारण है कि काम नहीं मिलने के कारण यही श्रमिक फिर से उन राज्यों का पलायन कर रहे हैं. बिहार के अन्य जिलों के साथ साथ नवादा से भी मजदूरों का पलायन तेजी से शुरू हो रहा है. उन्हें फिर से फैक्टरियों में काम देने के लिए कंपनी के मालिकों के द्वारा उन्हें लगजरी बसों के द्वारा उन्हें हज़ारों किलोमीटर दूर उनके घर से फैक्ट्री लाने का कार्य किया जा रहा है. यह नज़ारा लगातार देखा जा रहा है जहां दूसरे राज्यों के लग्जरी बसों के द्वारा मजदूरों को देश के अलग अलग राज्यों में ले जाया जा रहा है.

मजदूरों ने बताया कि खेती का कार्य पूरा हो जाने पर अब वो खाली बैठे हैं, ऐसे में उनके पास कोई काम नहीं बचा था. कंपनियां काफी दिनों से उन्हें काम पर लौटने को कह रही थीं. वहां पहुंचने का संसाधन नही होने पर कंपनी के तरफ से उन्हें बस,प्राइवेट कार से उन्हें ले जाया जा रहा है. कंपनी के एक एजेंट ने बताया कि उन्हें मालिक के द्वारा यह आदेश मिला कि जो मजदूर पहले फैक्ट्री में काम करते थे उन्हें वापस लाया जाए. नवादा के सद्भावना चौक, रजौली मोड़, फतेहपुर मोड़, खराट मोड़ समेत अन्य जगहों पर रोजाना ऐसे दूसरे राज्य के बसों से मजदूर को वापस काम पर गुजरात, हरियाणा, चेन्नई, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, राजस्थान समेत देश के अलग अलग राज्यों में ले जाया जा रहा है. ऐसे में यह सवाल उठता है कि सरकार ने जब इनके लिए घर मे काम देने का दावा किया था वह बिल्कुल भी सफेद हाथी साबित हो रहा है.

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