भाजपा-जदयू में महाभारत, नीतीश ने कहा जरूरी है जातीय जनगणना, केंद्र ने कहा ऐसा नहीं होगा

संसद के मानसून सत्र में तीन दिन पहले गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय के जातिगत जनगणना की मांग खारिज किए जाने के बाद अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फिर से कहा है कि जातीय जनगणना जरूरी है। नीतीश कुमार ने शनिवार काे कहा कि यह आवश्यक है और सबके हित में है। किस इलाके में किस जाति की कितनी संख्या है इसको लेकर एक बार जाति आधारित जनगणना जरूर होनी चाहिए। जब उनकी वास्तविक संख्या का पता चलेगा तो उनके कल्याण के लिए ठीक ढंग से काम हो सकेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जाति आधारित जनगणना कराने को लेकर फरवरी 2019 और 2020 में बिहार विधानसभा से सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजा गया था। पहले भी हम कई बार अपनी बातों को रख चुके हैं। केंद्र से अनुरोध है कि एक बार जाति आधारित जनगणना जरूर करवाएं। सीएम ने बताया कि जाति जनगणना 2010 के बाद कराई गयी थी। 2013 में रिपोर्ट आई लेकिन उसे प्रकाशित नहीं किया गया।

अवैध बालू खनन में संलिप्त अधिकारियों पर कार्रवाई तय
मुख्यमंत्री ने कहा कि अवैध बालू खनन को लेकर सरकार पूरी तरह गंभीर है। हर स्तर पर पूरी कार्रवाई हो रही है। वैसे सरकारी अधिकारियों जिनकी इसमें भूमिका रही है उन पर भी कार्रवाई की जा रही है। हमलोगों का प्रयास है कि कोई गड़बड़ी नहीं हो।

फोन टेपिंग से जुड़े सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जो नई तकनीक आई है उससे एक तरफ लाभ है तो दूसरी तरफ उसका दुरुपयोग भी होता है। इस पर निश्चित रूप से कार्रवाई होनी चाहिए। केंद्र सरकार ने भी कहा है कि जो गलत चीज है उस पर एक्शन चाहिए।

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