नीतीश ने दिया प्रशांत किशोर को दो टूक जवाब, कहा-JDU में रहना है तो कायदे से रहें, वरना चले जाएं

उनको जो करना है करे, जहां जाने का मन हो जाए। वो पार्टी में आया कैसे था?, पवन-पीके को चेताया-एक ई-मेल करता है, दूसरा ट्वीट पर ट्वीट, जदयू में ऐसा नहीं होता

जदयू अध्यक्ष व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर और पवन वर्मा को दो टूक कह दिया है कि पार्टी में रहना है तो कायदे से रहें या फिर जहां कहीं जाना है, चले जाएं। ई-मेल या ट्वीट करने से काम नहीं चलेगा। नीतीश ने कहा-एक है कि ई-मेल करता है तो दूसरा ट्वीट पर ट्वीट कर रहा है। हमारी पार्टी आम कार्यकर्ताओं की है। यहां ई-मेल या ट्वीट से काम नहीं होता। मुख्यमंत्री ने मंगलवार को जदयू की बैठक के बाद 1,अणे मार्ग में प्रेस कांफ्रेंस की। नीतीश ने कहा कि हमने तो उनको बुला कर जदयू में शामिल नहीं किया था। उनको (पीके) तो अमित शाह के कहने पर पार्टी ज्वाइन कराया था।

इस सवाल पर कि जदयू एनडीए का हिस्सा है और भाजपा की सहयोगी है, फिर भी पीके लगातार भाजपा के नेताओं और खास कर अमित शाह तक पर हमला बोल रहे हैं, मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सब छोड़िए। शाह ने मुझसे कहा कि पीके को जदयू में शामिल कर लीजिए। लेकिन अब लगता है दोनों (पीके और पवन) के मन कुछ और है। इसलिए वे ऐसा कर रहे हंै। कहीं जाने का मन है तो चले जाएं। चुनावी रणनीतिकार के रूप में प्रशांत तो किसी-किसी का काम करता रहता है।

अखबारों से भी पता चला है कि वह दिल्ली में आप का काम कर रहा है। इस तरह के आदमी के बारे में हमसे कुछ मत पूछिए। हो सके तो उसी से पूछ लीजिए कि रहेगा कि जाएगा? हमारे यहां रहेगा तो भी ठीक, नहीं रहेगा तब भी ठीक है। वैसे अगर हमारे यहां रहना है तो जदयू की नीतियों, सिद्धांतों और बुनियादी ढांचे को अंगीकार करना ही होगा।


पीके बोले-पटना आकर जवाब दूंगा : जदयू नेता प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश जी की बातों का मैं जवाब दूंगा। इसके लिए आपको मेरा इंतजार करना होगा। मैं बिहार आकर लोगों के सामने अपनी बात रखूंगा। हम आज भी इस बात पर कायम है कि बिहार में एनआरसी लागू नहीं होगा। हालांकि, मुझे जो कुछ भी बोलना है, वह 11 फरवरी के बाद बोलेंगे। अभी तो पूरा फोकस दिल्ली चुनाव पर है। मुझे जदयू में कैसे शामिल कराया गया, इस बारे में मुख्यमंत्री सही नहीं बोल रहे हैं।

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