CM नीतीश का ऐतिहासिक फैसला, मां-बाप की सेवा नहीं करने पर बच्चों को जाना होगा जेल
PATNA : बिहार कैबिनेट की मंगलवार को हुई बैठक में फैसला लिया गया कि बिहार में रहने वाली संतान अगर अब मां-पिता की सेवा नहीं करेंगे तो उनको जेल की सजा हो सकती है। माता-पिता की शिकायत मिलते ही एेसी संतान पर कार्रवाई होगी। मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया है। इतना ही नहीं, वृद्धजन पेंशन के आवेदन पर 21 दिन में निर्णय लेना होगा।
मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना को बिहार लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम 2011 (आरटीपीएस) के तहत लाया गया है, ताकि समय सीमा के अंदर आवेदकों को इस योजना का लाभ मिले। इसके लिए अधिकतम 21 कार्यदिवस की समय सीमा निर्धारित की गई है। राज्य कैबिनेट की बैठक में इसका निर्णय लिया गया।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में 16 प्रस्तावों को मंजूरी मिली। बैठक के बाद कैबिनेट सचिवालय के प्रधान सचिव संजय कुमार ने इसकी जानकारी दी। गौरतलब हो कि मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना में 60 साल से अधिक उम्र के हर वृद्ध को 400 और 80 वर्ष के ऊपर वाले को 500 रुपये महीना पेंशन मिलनी है। इसका लाभ एक अप्रैल, 2019 के प्रभाव से मिलेगा। रिटायर्ड सरकारी कर्मियों को छोड़ सभी वृद्धों को इस योजना का लाभ दिया जाना है।
किसान सलाहकारों को 1000 : किसान सलाहकारों को अब 200 की जगह 1000 रुपये प्रति महीने आकस्मिकता मद में दिए जाएंगे। कैबिनेट ने कृषि विभाग के इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। वित्तीय वर्ष 2019-20 में इस मद में 95.22 करोड़ खर्च करने की मंजूरी भी प्रदान कर दी गई।
कश्मीर के पुलवामा और कुपवाड़ा में आतंकी घटनाओं में शहीद हुए बिहार के सपूतों के एक-एक आश्रित को बिहार सरकार नौकरी देगी। भागलपुर जिले के शहीद रतन कुमार ठाकुर, पटना जिले के शहीद संजय कुमार और बेगूसराय के शहीद पिंटू कुमार सिंह के आश्रितों को नौकरी दी जाएगी। शहीदों की पत्नी (विधवा) की लिखित अनुशंसा जिसके नाम पर होगी, उन्हें ही नौकरी दी जाएगी। शैक्षणिक योग्यता के आधार पर ग्रुप थ्री अथवा फोर में नियुक्ति की जाएगी।
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