बिहार में जमीन रजिस्ट्री को लेकर नीतीश का ऐतिहासिक ऐलान, जमीनधारक के नाम से ही होगी अब जमाबंदी

जमीन की बिक्री में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए अब कानूनी रूप से जमीन धारक के नाम से जमाबंदी होगी. जमाबंदी में खाता, खेसरा, रकबा, चौहद्दी व जमीन लगान दर्ज होंगे. ताकि जमीन बिक्री करने पर रजिस्ट्री में सहूलियत हो. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जमीन बिक्री मामले में यह पहल की है. जमीन की बिक्री वही कर सकते हैं, जिसके नाम पर जमाबंदी होगी. विक्रेता के नाम पर जमाबंदी नहीं होगी, तो उस जमीन की रजिस्ट्री नहीं होगी. इसके लिए कानून जल्द होगा.

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अन्य राज्यों में भी समय-समय पर जमाबंदी का काम होता है. ताकि जमीन के धारक का नाम जमाबंदी में दर्ज हो सके. इससे जमीन की बिक्री में फर्जीवाड़े पर रोक लगाने में सहूलियत होती है. जानकारों के अनुसार राज्य में जमाबंदी पंजी को अपडेट करने व विवरणी दर्ज कराने के लिए अंचलाधिकारियों को अधिकृत किया गया है. अभियान चलाकर जमाबंदी पंजी में मृत व्यक्तियों के नाम हटाये जायेंगे. राजस्व व भूमि सुधार विभाग ने इसके लिए सॉफ्टवेयर में प्रावधान किया है.

85 लाख जमाबंदी होनी है अपडेट : राज्य में लगभग 85 लाख जमाबंदियों के अपडेट नहीं होने से लोगों को परेशानी हो रही है. इसे दूर करने के लिए छुटी हुई सभी जमाबंदियों को अपडेट कर डिजिटाइज्ड किया जायेगा. ताकि जमीन बिक्री के मामले में सहूलियत हो.

पांच साल पर होने वाली जमाबंदी में दर्ज होता है नाम : पंजाब में हर पांच साल बाद जमाबंदी होती है. म्यूटेशन होने पर नये खरीदार का नाम तहसील में दर्ज हो जाता है. जमाबंदी होने के समय वही नाम जमाबंदी में दर्ज किया जाता है.

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