किराया के लिए दबाव नहीं बनाएंगे मकान मालिक, बिहार सरकार का आदेश जारी, सख्ती से हो नियमों का पालन

Patna: कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए जारी लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान पटना में किराएदारों को जिला प्रशासन ने बड़ी राहत दी है. जिलाधिकारी (DM) कुमार रवि ने निर्देश जारी किया है कि श्रमिकों और औद्योगिक-वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में काम करने वाले कर्मियों पर मकान मालिक एक माह तक किराया देने का दबाव नहीं बनाएंगे.

एक महीने तक किराया के लिए दबाव नहीं बनाएंगे मकान मालिक

पटना के डीएम ने निर्देश के अनुसार मकान मालिक (Landlords) श्रमिकों (Labourers) तथा औद्योगिक-वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में काम करने वाले कर्मियों (Employees) पर एक माह तक किराया (Rent) देने का दबाव नहीं बनाएंगे. ऐसे करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी. अगर मकान मालिक इस दौरान किरायेदार पर घर खाली करने का दबाव बनाते हैं, तो कार्रवाई की जाएगी. डीएम ने कहा कि किराए की मांग लॉकडाउन के बाद मानवीय भावनाओं के आधार पर की जा सकती है.

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कोरोना से जंग में अग्रिम मोर्चे पर डॉक्टर, नर्स और स्वास्थ्य कर्मी है. लेकिन समाज के कुछ लोगों के असंवेदनशील रवैये के कारण उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है. उन लोगों को मकान मालिकों द्वारा घर आने से मना किया जा रहा है. राजधानी के आकस्मिक कामों में लगे लोगों के लिए भी कोरोना का कहर जुल्म ढा रहा है. अस्पताल और नर्सिंग में काम करने वाले स्टाफ को बड़ी परेशानी झेलनी पड़ रही है. घरों में जाने पर उन्हें मकान मालिक के गुस्से का शिकार होना पड़ रहा है.

शहर के अलग-अलग हिस्से में रह रहे लोगों को लगातार अपने घर जाने को कहा जा रहा है. किसी भी तरह के हॉस्पिटल में काम करने वालों से लोग नफरत कर रहे हैं. हॉस्टलों में चलने वाले मेस को बंद कर दिया गया है. साथ ही पानी भी बंद करने की धमकी दी जा रही है. अस्पताल में काम करने के अलावा मेडिकल की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थी भी इसका दंश झेल रहे हैं. कई स्थानों पर ऐसे हालात बन रहे हैं कि लोग झूंड बनाकर पैदल ही गांव की ओर कूच कर जा रहे हैं. अपने गांव से वाहन बुलाने की कोशिश भी की जा रही है. मगर बंदी के मद्देनजर यह पूरी तरह असंभव दिखता है.

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