PM मोदी ने बदला GST का स्लैब, अब होटल में मिलेगा सस्ता खाना, जानिए क्या सस्ता हुआ और क्या महंगा
जीएसटी. यानी कि गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स. लागू हुआ 1 जुलाई, 2017 को. जब लागू हुआ तो कहा गया कि ये वन नेशन वन टैक्स है. यानी कि एक देश में एक टैक्स. जब से ये लागू हुआ, विवादों में ही रहा. कभी इसके टैक्स स्लैब को लेकर विवाद हुआ तो कभी इसको लागू करने के तरीकों पर. और जब से ये लागू हुआ, हमेशा इसके टैक्स स्लैब में बदलाव आते ही रहे हैं. 20 सितंबर, 2019 को जीएसटी काउंसिल की 37वीं बैठक थी. बैठक हुई गोवा की राजधानी पणजी में. बैठक खत्म हुई तो वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मीडिया के सामने आईं और जीएसटी काउंसिल के फैसलों की जानकारी दी. और वित्त मंत्री ने जो जानकारी दी, उसके मुताबिक एक बार फिर से जीएसटी में कुछ बदलाव किए गए हैं, जिससे कुछ चीजें पहले से सस्ती हो जाएंगी, तो कुछ चीजें महंगी हो जाएंगी. ये सारे बदलाव 1 अक्टूबर, 2019 से लागू होंगे. हम आपको ये बताते हैं कि क्या सस्ता होगा और क्या महंगा.
वो ड्रिंक्स महंगे हो जाएंगे, जिनमें कैफीन होता है. जैसे चाय, कॉफी, कोल्डड्रिंक्स और एनर्जी ड्रिंक्स. पहले इनपर 18 फीसदी का जीएटी लगता था. 1 अक्टूबर से इनपर 28 फीसदी जीएसटी लगेगी. इसके अलावा इनपर 12 फीसदी सेस भी लगेगा. 10-13 सीटर डीज़ल और पेट्रोल गाड़ियां सस्ती होंगी. पहले ऐसी गाड़ियों पर 28 फीसदी जीएसटी के बाद ज्यादा सेस लगता था. अब ऐसी पेट्रोल गाड़ियों पर 1 फीसदी और डीज़ल गाड़ियों पर 3 फीसदी सेस लगेगा.
होटल में 1000 रुपये किराए वाला रूम लेने पर जीएसटी नहीं देना पड़ेगा. 1001-7500 रुपये किराए वाले रूम के लिए 12 फीसदी जीएसटी देना पड़ेगा. पहले ऐसे कमरों पर 18 फीसदी जीएसटी लगता था. होटल में 7500 रुपये किराए से ऊपर के कमरे लेने पर जीएसटी घट गई है. इसे 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी कर दिया गया है. आउटडोर कैटरिंग यानी कि लॉन और ग्राउंड जैसी जगहों पर खाना खाने की सर्विसेज पर जीएसटी 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है.
गृह मंत्रालय के तहत आने वाले पैरा मिलिट्री फोर्स की ग्रुप इंश्योरेंस स्कीम को जीएसटी से छूट मिलेगी. एक तरह के पॉलिथीन प्रोपेलीन और उसकी पैकिंग पर 12 फीसदी जीएसटी लगेगा. रक्षा विभाग के वो सामान जो भारत में नहीं बनते हैं, उनपर जीएसटी से छूट मिलेगी.
कीमती पत्थरों की कटाई और उनकी पॉलिश पर पहले 3 फीसदी टैक्स लगता था, जो अब 0.25 फीसदी लगेगा. हीरे से जुड़े कारोबार पर पहले 5 फीसदी टैक्स लगता था, जिसे घटाकर 1.5 फीसदी कर दिया गया है. इंजीनियरिंग इंडस्ट्री में जो काम मशीनों से होता है, उनपर जीएसटी की दर 18 फीसदी से घटाकर 12 फीसदी कर दी गई है.
इसके अलावा 2 करोड़ रुपये से कम के सालाना टर्न ओवर वाले कारोबारियों को जीएसटी का रिटर्न नहीं भरना होगा. वहीं विदेशों में बेचे जाने वाले गहनों पर जो टैक्स लगता था, उसे खत्म कर दिया गया है. ये सारे ऐलान जीएसटी काउंसिल की 37वीं बैठक खत्म होने के बाद किए गए हैं.