अब भारत में आतंकी नहीं कर सकेंगे घुसपैठ, अंतरिक्ष से देश की जमीन पर रखी जाएगी पैनी नजर

पटना : भारत सरकार वैश्विक स्तर पर खुद को सशक्त बनाने और देश की सुरक्षा को लेकर लगातार कई कदम उठा रही है। हाल ही में चंद्रयान 2 को चांद पर भेजने में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सफलता पाई। इसके बाद अब इसरो अपने अगले टास्क में लग गया है। इसरो का नया टास्क है- कार्टोसेट 3 सैटेलाइट की लॉचिंग। जी हां, कार्टोसेट सीरीज की 9वीं सैटेलाइट के अंतरिक्ष में सफल लांच के बाद भारत बॉर्डर पर दुश्मनों की हरकतों को बेहद नजदीकी से देख पाएगा। यह सैटेलाइट इसरो अक्टूबर के अंत में या नवंबर की शुरुआत में प्रक्षेपित करेगा। इस संबंध में इसरो के चेयरमैन के सिवन ने उन्नत कार्टोग्राफी उपग्रह कार्टोसैट-3 का ऐलान करते हुए बताया कि पृथ्वी का निरीक्षण करने वाला या रिमोट सेंसिंग उपग्रह कार्टोसैट-3 एक उन्नत संस्करण है, जो कार्टोसैट-2 सीरीज के उपग्रहों की तुलना में बेहतर आकाशीय और वर्णक्रमीय गुणों से लैस है। कार्टोसैट-3 में बेहतर तस्वीरों के साथ रणनीतिक एप्लीकेशंस भी होंगे।

कार्टोसेट से भारतीय सेना मिलेगी काफी मदद : जैसे की भारत की सीमा में पाकिस्तानी आतंकी लगातार घुसपैठ की कोशिश करते रहते हैं, ऐसे में भारतीय सेना को काफी सजग रहना पड़ता है। लेकिन, कार्टोसेट 3 सैटेलाइट की सफल लॉचिंग के बाद सेना को इससे काफी मदद मिलेगी, क्योंकि अंतरिक्ष से भारत की जमीन पर नजर रखी जाएगी। इससे कोई भी भारतीय सीमा में घुसपैठ नहीं कर सकेगा। उरी अटैक के दौरान भारतीय सेना ने कार्टोसैट सीरीज की सैटेलाइट की मदद से पीओके में घुसी थीं और आंतकी कैंपों को ध्वस्त करने में कामयाब होकर लौटी थी। कार्टौसेट सीरीज की सैटेलाइट की मदद से ही भारत ने पीओके में सर्जिकल और एयर स्ट्राइक को बखूबी अंजाम दिया था, लेकिन कार्टौसेट सैटेलाइट से अब भारतीय सेना और बेहतर निगरानी में मदद मिलेगी।

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