ओडिशा पहुंचा तूफान ‘यास’, पटरियों से बांधने पड़े ट्रेन के पहिए, मौसम विभाग का अलर्ट जारी
बंगाल की खाड़ी से उठने वाला तूफान ‘यास’ ओडिशा पहुंच चुका है. भारतीय मौसम विभाग यानी IMD के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने कहा है कि झारखंड, असम, मेघालय, पश्चिम बंगाल और सिक्किम में आज यानी 26 मई और कल 27 मई को भारी बारिश हो सकती है. उन्होंने बताया कि फिलहाल साइक्लोन के लैंडफॉल की प्रोसेस जारी है. फिलहाल हवा की गति 130 से 140 किलोमीटर प्रतिघंटे की है. और तूफान ओडिशा के तट को पार कर रहा है. वैसे जानकारी के लिए आपको बता दें कि यास पर्शियन भाषा का शब्द है और इसका अर्थ होता है जैस्मिन का फूल.

तूफान की गंभीरता का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि रेलवे ने ना केवल तूफान प्रभावित इलाकों में ट्रेनों का संचालन बंद कर दिया है वहीं काफी ट्रेनों के पहियों को रेलवे ट्रैक से बांध दिया गया है. हजारों टन वजन वाली रेल के पहियों को जंजीर के जरिए पटरियों से बांधना वाकई चौंकाने वाला है. इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि ये साइक्लोन यास कितना खतरनाक हो सकता है.
ये तूफान अब तटीय इलाकों तक पहुंच चुका है. जानकारी के मुताबिक ओडिशा के निचले तटीय इलाकों में तेज हवाएं चल रही हैं और समुद्र का जलस्तर बढ़ गया है. ओडिशा के समुद्र तटों पर ऊंची लहरें उठ रही हैं और बारिश जारी है. कई रिहायशी इलाकों में भी पानी घुस गया है. IMD के मुताबिक हवाओं की गति अभी और बढ़ सकती है. पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में भी बारिश हो रही है.
IMD की रिपोर्ट के मुताबिक ये तूफान ओडिशा के रास्ते अंदर आएगा. ओडिशा और पश्चिम बंगाल इस तूफान से सबसे अधिक प्रभावित होंगे. इन दो राज्यों के अलावा झारखंड, आंध्र प्रदेश, असम, मेघालय, सिक्किम, छत्तीसगढ़, बिहार, और यूपी भी इस तूफान की जद में आएंगे. तूफान के कारण राजस्थान और दिल्ली तक में बारिश हो सकती है और तेज हवाएं चल सकती हैं. 26 तारीख को ये तूफान अपने चरम पर होगा और हवा की गति 185 किलोमीटर प्रति घंटा तक रह सकती है.
25 मई से ही इस तूफान के कारण बारि शुरू हो गई थी. आंध्र प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय और झारखंड में 25 मई से ही बारिश होने लगी थी. 26 मई को ‘यास’ की वजह से ओडिशा के जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, जाजपुर, भद्रक, बालासोर, मयूरभंज, कटक, ढेनकनाल, क्योंझर, पुरी, खुर्दा, अंगुल, देवगढ़, सुंदरगढ़ में बारिश हो सकती है. पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर, झारग्राम, बांकुरा, दक्षिण 24 परगना, पुरुलिया, नादिया, मुर्शिदाबाद, पूर्व वर्धमान, हावड़ा, हुगली, कोलकाता, उत्तर 24 परगना, हल्दिया दार्जिलिंग, कलिम्पोंग में भी बारिश हो सकती है. बाकी नजदीकी राज्यों में हल्की बारिश रह सकती है.
तूफान को देखते हुए IMD ने अलर्ट जारी किया है. मछुआरों को 25 मई से ही बंगाल की खाड़ी में जाने की मनाही की गई है. जितने भी तटीय प्रदेश हैं, सभी राज्यों को इस बारे में एक्शन लेने को कहा गया है. ज्वार के कारण 2 से 4 मीटर ऊंची लहरें उठेंगी जिनके कारण मेदिनीपुर, बालासोर, भद्रक के निचले इलाके जलमग्न हो सकते हैं. तूफान के जमीन से टकराने के समय दक्षिण 24 परगना, केंद्रपाड़ा तथा जगतसिंहपुर जिलों के निचले इलाके जलमग्न हो सकते हैं.
यास तूफान के खतरे को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 मई को हाईलेवल मीटिंग की थी. इसमें संबंधित राज्यों, केंद्रीय मंत्रालयों और एजेंसियों की तैयारियों की समीक्षा की गई. इसके एक दिन बाद 24 मई को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी बैठक की थी. इसमें बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, आंध्र के सीएम जगन मोहन रेड्डी, ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक और अंडमान निकोबार द्वीप समूह के एलजी डीके जोशी शामिल थे. अमित शाह ने मीटिंग में कहा कि इस तूफान की जद में पूर्वी तट आ रहा है. यहां पर करीब 24 ऑक्सीजन प्लांट भी हैं, जिनकी सुरक्षा सुनिश्चित करनी है. नौसेना और एयरफोर्स भी सतर्क है. राहत और बचाव के कामों के लिए टीमें तैनात की जा रही हैं.
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