मॉबलिचिंग के डर से नाम बदल रहे अफसर नियाज खान, कहा- मुस्लिम होने की पहचान छिपाना चाहता हूं

PATNA: कमलनाथ सरकार के अफसर नियाज खान मॉबलिचिंग के डर से अपना नाम बदलना चाहते हैं। इस बात की जानकारी उन्होंने खुद ट्वीट कर दी है। उन्होंने लिखा कि पिछले 6 महीने से अपनी पुस्तक में छापने के लिए खुद का नया नाम तलाश रहे हैं। ऐसा इसलिए ताकि मैं अपनी मुस्लिम पहचान छिपा सकूं। खुद को नफरत की तलवार से बचाने के लिए यह जरूरी है। मेरा नया नाम मुझे हिं’सक भीड़ से बचाएगा। अगर मेरे पास टोपी कुर्ता और दाढ़ी नहीं होगी तो मैं भीड़ को अपना नकली नाम बता कर आसानी से बच जाऊंगा। हालांकि मेरे भाई ने अगर पारंपरिक कपड़े पहने हों तो वह बहुत ही खतरनाक स्थिति में है। क्योंकि कोई भी संस्था हमें बचाने में सक्षम नहीं है। इसलिए बेहतर होगा कि हम अपना नाम बदल लें। नियाज खान ने अपने मुस्लिम होने की पीड़ा सोशल मीडिया के जरिए जाहिर की है।

नियाज खान मध्यप्रदेश सरकार के परिवहन विभाग में पदस्थ हैं। उन्होंने एक के बाद एक चार ट्वीट किए। एक और ट्वीट में नियाज खान ने बॉलीवुड के मुस्लिम अभिनेताओं को भी सलाह दी है कि वह अपना नाम बदल लें। अब तो टॉप स्टार्स की भी फिल्में फ्लॉप होने लगी हैं। उन्हें इसका मतलब समझना चाहिए।  बता दें कि नियाज खान अपराधी अबू सलेम पर भी किताब लिख चुके हैं। किताब लिखने के लिए उन्होंने अबू सलेम के साथ जेल में रहने की इच्छा भी जताई थी। हालांकि उन्हें इसकी इजाजत नहीं मिली थी।

वहीं इसी साल जनवरी में भी उन्होंने खुद के मुसलमान होने की पीड़ा ट्विटर पर लिखी थी। नियाज खान ने लिखा था की खान सरनेम भूत की तरह उनके पीछे पड़ा है। इसकी वजह से मुझे कई बार प्र’ताड़ित होना पड़ा है। दरअसल इसके जरिए नियाज खान ने अपने सीनियर अफसर की प्रताड़ना का दर्द सबके सामने रखा था और लिखा था कि मुसलमान होने के कारण उन्हें भेदभाव का शिकार होना पड़ता है। उधर, कांग्रेस ने  नियाज अहमद के बयान पर आपत्ति जताई है। कांग्रेस प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा ने कहा नियाज एक अधिकारी हैं और उन्हें ऐसे बयान नही देना चाहिए, जिससे बिखराव हो। उन्हें खुद ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रयास करना चाहिए।

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