कन्हैया के नाम बिहारी युवक का खत, कहा- सड़क छाप भाषा छोड़ दीजिए, देश को काफी उम्मीदें है आपसे
भाई कन्हैया, आप व्यक्तिगत संघर्ष से यहां तक पहुंचे है, छात्र राजनिति में बड़ा कीर्तिमान स्थापित किया है, कई आंदोलनों की जड़े मज़बूत की है। वर्तमान में बिहार के किसी अन्य युवा नेता से कहीं ज्यादा परेशानियां उठाई है, पटियाला हाउस कोर्ट के बाहर उन्मादी भीड़ द्वारा आपकी हत्या हो सकती थी, जेल से लौटे है, देशद्रोह का मुकदमा झेला है, सांप्रदायिकता के खिलाफ़ इतनी बड़ी लड़ाई का हिस्सा रहे है.
लेकिन अब जब समय बदल चुका है, विदित है कि अहंकार हावी हो रहा है। आप किसी को लठैत बोल रहे है, किसी को अपने आका से पूछ कर आने की हिदायत दे रहे है। निजी तौर पर आपके भाषणों का प्रशंसक रहा हूं, लीक से अलग हटकर कांग्रेस में स्वागत किया है। लेकिन फिलहाल आप जिस भाषा का प्रयोग कर रहे है, वो भारतीय राजनीति के लिए नहीं बनी है। किसी कांग्रेसी नेता के लिए तो कतई नहीं। आपके नेता श्री राहुल गांधी जी ने कभी अंजाने में भी ऐसी भाषा का प्रयोग नहीं किया है।

आप जिनसे भीड़ रहे है, टिप्पणियां टेंप रहे है, उनके समर्थकों ने आप पर लगे इल्जामों को जहां-तहां डिफेंड किया है, आपकी देशभक्ति साबित करने के लिए निजी रिश्तों में दरारें और तल्खियां कबूल की है, फ्रेंडशिप्स तोड़े है। आपके ऊपर हुए अन्यायों पर विरोध जताया है, सर्कल बदला है, आपके साथ खड़े रहे हैं।ख़ैर, ये बातें अन्य कई माध्यमों से भी कही जा सकती थी, लेकिन यहां लिखना जरूरी था। इससे पहले की आपका कद बौना दिखने लगे और लोग आपको हल्के में लेना शुरू कर दें. तय कीजिए की विधायक/सांसद के ऊपर जहां और भी है। अब भी समय है, सड़क छाप भाषा छोड़ दीजिए। देश को काफी उम्मीदें है आपसे।
प्रियांशु
डेली बिहार न्यूज फेसबुक ग्रुप को ज्वाइन करने के लिए लिंक पर क्लिक करें….DAILY BIHAR आप हमे फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और WHATTSUP, YOUTUBE पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं